आदिम जाति कल्याण विभाग ने पुराना आदेश रद्द किए बिना नए अधिकारी को दी थी पोस्टिंग
रायगढ़। जिले में जनपद सीईओ की पोस्टिंग में हुई मनमानी का साइड इफेक्ट सामने आता जा रहा है। पुसौर जनपद को सेट करने के चक्कर में घरघोड़ा और धरमजयगढ़ में अव्यवस्था हो गई है। दोनों जगहों पर दो-दो सीईओ हो गए हैं। अब पुसौर जनपद के मूल सीईओ नितेश उपाध्याय घरघोड़ा पदस्थापना पर स्टे ले आए हैं। इस वजह से आदि जाति कल्याण विभाग से भेजे गए सीईओ लटक गए हैं। जनपदों को अपनी मुट्ठी में करने के लिए पूर्व कलेक्टर और पूर्व जिला पंचायत सीईओ ने कुछ बड़े फेरबदल किए थे। मनमाने तरीके से की गई पोस्टिंग में शासन से सामंजस्य नहीं रखा गया। यही वजह है कि इधर जिले में पोस्टिंग बदलती रही और उधर शासन से भी तबादले होते रहे।












घरघोड़ा और धरमजयगढ़ जनपदों का मामला उलझ चुका है जिसका हल किसी के पास नहीं है। आजाक विभाग ने एससी कछवाहा को घरघोड़ा में पदस्थ किया था लेकिन धरमजयगढ़ खाली होने के बाद उनको वहां भेज दिया गया। इधर पुसौर में नितेश उपाध्याय को बिना किसी कारण के हटाकर घरघोड़ा भेज दिया गया। इधर शासन ने पहले आरडी साहू को धरमजयगढ़ भेजा लेकिन कछवाहा हाईकोर्ट से स्टे ले आए। वहां मामला फंस गया। इधर शासन ने कछवाहा को घरघोड़ा भेजे जाने वाले आदेश में संशोधन किए बिना शिवकुमार टंडन को वहां भेज दिया। नितेश को घरघोडा से हटाकर एपीओ जिला पंचायत बना दिया गया। लेकिन नितेश ने भी अदालत की शरण ली और स्टे ले लिया। बुधवार को घरघोड़ा जनपद में अजीबोगरीब घटनाक्रम हुआ। एसके टंडन बैठक ले रहे थे और नितेश उपाध्याय ने अदालत के स्टे के आधार पर चेम्बर में जाकर काम संभाल लिया। अब घरघोड़ा और धरमजयगढ़ में बहुत दिलचस्प स्थिति बन चुकी है, जिसका हल किसी के पास नहीं है।





बिना कन्सेंट के बनाया एपीओ
अदालत में नितेश की ओर से 2 नवंबर 2022 को जिला पंचायत सीईओ के तबादला आदेश को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान बताया गया कि नितेश उपाध्याय जनपद सीईओ हैं जबकि एपीओ की पोस्ट उससे कमतर है। इसलिए उनको सीईओ से एपीओ बनाने के पूर्व उनकी सहमति ली जानी थी जो नहीं ली गई। इसलिए आदेश ही अवैध है। अदालत ने पूर्व में एक केस पर दिए गए आदेश के आधार पर नितेश को स्टे दिया है। इसलिए उन्होंने घरघोड़ा जनपद की कुर्सी संभाल ली।



एक ने दूसरे को किया रिलीव
बुधवार को ही नितेश उपाध्याय ने स्टे ऑर्डर के आधार पर दो आदेश जारी किए। उन्होंने एसके टंडन द्वारा 15 नवंबर को एकतरफा कार्यभार लेने को अनुचित बताते हुए स्टे ऑर्डर का हवाला दिया। साथ ही एसके टंडन को घरघोड़ा से भारमुक्त भी कर दिया। टंडन को आदिवासी विकास विभाग रायगढ़ में ज्वाइन करने को कहा गया है। उधर धरमजयगढ़ में भी स्थिति विकट हो गई है।
