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अब महानदी ट्रिब्यूनल भी करेगा स्थल निरीक्षण

दोनों राज्यों की तकनीकी टीमों के साथ होगा दौरा, मार्च में खत्म हो सकती है सुनवाई

रायगढ़, 26 फरवरी। महानदी जल विवाद में अब सुनवाई पूरी होने वाली है। दरअसल ट्रिब्यूनल का कार्यकाल मार्च 2023 में समाप्त हो जाएगा। उसके पहले ट्रिब्यूनल भी स्थल निरीक्षण करेगा। इसके साथ ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तकनीकी टीमें भी होंगी। महानदी जल के बंटवारे को लेकर छग और ओडिशा आमने-सामने हैं। केंद्र सरकार ने विवाद सुलझाने के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया था। पहले तीन साल के गठित ट्रिब्यूनल का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाया गया था जो मार्च 2023 में समाप्त हो जाएगा। पांच साल से ट्रिब्यूनल इस मामले की सुनवाई कर रहा है। इस मामले को ओडिशा ने उठाया था। ओडिशा सरकार का कहना है कि छग ने बिना एनओसी के महानदी में छह बैराजों का निर्माण किया।

सहायक नदियों पर भी बिना अनुमति के बांध बनाए गए। इससे महानदी में पानी का बहाव कम होता जा रहा है। नॉन मानसून अवधि में पानी का बहाव बहुत ही कम हो जाता है। इससे हीराकुद डैम में भी जल स्तर कम हो रहा है। कलमा, साराडीह, मिरौनी, वसंतपुर, शिवरीनारायण आदि बैराजों पर आपत्ति की गई है। अब ट्रिब्यूनल भी खुद अंतिम बार फील्ड विजीट करने जा रहा है। दोनों राज्यों की तकनीकी टीमें भी ट्रिब्यूनल द्वारा नियुक्त अधिकारियों के साथ मौका मुआयना करेंगे। 15 मार्च को स्थल निरीक्षण किया जाना संभावित है। इसके बाद 25 मार्च को सुनवाई रखी गई है। 

एरियल सर्वे की भी संभावना

ट्रिब्यूनल ने आकलन करने के लिए कुछ तकनीकी सदस्यों को भी टीम में शामिल किया है। ये एसेसर ही स्थल निरीक्षण करेंगे। बताया जा रहा है कि संभव हुआ तो एरियल सर्वे भी कराया जा सकता है। इसके पहले ट्रिब्यूनल ने दोनों राज्यों की तकनीकी टीम के साथ एक बैठक रखी थी। मार्च में ट्रिब्यूनल का कार्यकाल समाप्त होने वाला है।