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Raigarh News : 125 ठेकेदारों को नोटिस, 190 गांवों का री-टेंडर, काम की गति धीमी होने के कारण दी चेतावनी

जल जीवन मिशन में 60 करोड़ का भुगतान भी लटका, दो मल्टी विलेज स्कीम के लिए मिली प्रशासकीय स्वीकृति

रायगढ़। गांवों में हर घर को नल कनेक्शन से जोडऩे के लिए जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने गांवों में साफ पानी आपूर्ति के लिए पानी की तरह पैसा भी बहाया है। राज्य को भी इसमें अंशदान देना है। टेंडर हासिल करने के बाद ठेकेदारों ने काम की गति धीमी कर दी है। इसलिए विभाग ने 125 ठेकेदारों को नोटिस दिया है। इसके अलावा 190 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनके लिए कोई ठेकेदार ही नहीं आया। इनका री-टेंडर किया गया है।

जल जीवन मिशन ऐसी योजना है जिससे हर गांव की तस्वीर बदल जाएगी। स्वच्छ पेयजल के लिए अभी भी गांवों में कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। हर घर तक नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य 2023 अंत तक रखा गया है। छग में लचर सरकारी सिस्टम का खामियाजा इस योजना को भुगतना पड़ा। प्रारंभ में ही ठेकों को लेकर विवाद हो गया। अवैध वसूली के आरोप लगे तो टेंडर ही निरस्त कर दिए गए। इसके बाद स्थानीय ठेकेदारों को प्राथमिकता देने का आदेश दिया गया। इसके बाद महीनों तक इसकी डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा गया। प्रशासकीय स्वीकृति देने में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने लंबा समय लिया।

रायगढ़ जिले और सारंगढ़ व बरमकेला ब्लॉक में छह मल्टीविलेज प्रोजेक्ट हैं। इसके अलावा 1407 गांवों के लिए 1848 योजनाएं हैं। 3,42,869 घरों तक पानी पहुंचाया जाना है। 1848 योजनाओं में से केवल 797 काम ही शुरू हो सके हैं। शासन स्तर पर देरी के कारण रायगढ़ में योजना का बेहतर क्रियान्वयन नहीं हो सका है। ठेकेदारों ने भी काम में लापरवाही बरती है। पीएचई ईई ने जिले के 125 ठेकेदारों को काम स्लो करने के कारण नोटिस दिया गया है। ठेकेदारों ने काम तो हाथ में लिया लेकिन समय पर पूरा नहीं कर रहे हैं। सिंगल विलेज स्कीम के लिए आठ महीने की समय सीमा दी जाती है। मिली जानकारी के मुताबिक करीब 60 करोड़ रुपए का भुगतान भी लंबित है।

190 गांवों के लिए नहीं आ रहे ठेकेदार
अविभाजित रायगढ़ जिले के 1407 गांवों में से 1358 के लिए टेंडर लग चुके हैं, लेकिन अभी तक शासन ने केवल 830 में ही वर्क ऑर्डर जारी किए हैं। मिली जानकारी के अनुसार 190 गांव ऐसे हैं, जहां के लिए कोई ठेकेदार ही नहीं मिल रहा है। इधर योजना को पूरा करने की समय सीमा गुजरती जा रही है। पीएचई ने इन गांवों का री-टेंडर किया है। जो काम शुरू हो चुके हैं, उनमें 60 करोड़ का भुगतान लंबित है।

दो की अमानत राशि जब्त
जिले में दो ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनमें ठेकेदार बिना काम किए ही भाग गया। इन ठेकेदारों की अमानत राशि जब्त कर ली गई है। बटुराकछार योजना का काम रायपुर केे बालाजी कंस्ट्रक्शन को मिला था जिसकी लागत 40 लाख है। वहीं रेंगालमुड़ा नरेश नगर योजना का काम अंबिकापुर के तायल कंस्ट्रक्शन को दिया गया था जिसकी लागत 86 लाख है। दोनों ठेकेदारों ने काम नहीं किया। इसलिए दोनों की अमानत राशि जब्त कर ली गई है।

दो को मिली प्रशासकीय स्वीकृति
जिले में मल्टीविलेज स्कीम की स्थिति भी और बेहतर हो सकती थी लेकिन शासन स्तर पर लेटलतीफी के कारण योजनाएं पिछड़ गईं। भेलवाटिकरा-संबलपुरी समूह जल प्रदाय योजना में एक ही ठेकेदार आया तो दोबारा टेंडर किया जा रहा है। वहीं बरगांव-कंचनपुर योजना और तमनार समूह योजना की प्रशासकीय स्वीकृति अब मिल गई है। छह समूह जल प्रदाय योजनाओं की लागत 787 करोड़ है।

क्या कहते हैं चौधरी
काम की गति धीमी होने के कारण 125 ठेकेदारों को नोटिस दिया गया है। वहीं 190 स्कीम के लिए री-टेंडर किया गया है। दो समूह योजनाओं के लिए भी प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई है।
परीक्षित चौधरी, ईई, पीएचई