NGT के आदेश का निजी कंपनी ने किया पालन लेकिन SECL को परवाह नहीं, कमेटी ने भी निरीक्षण के बाद दिए थे निर्देश
रायगढ़। प्रदूषण रोकने और सुरक्षा की दृष्टि से सभीकोयला खदानों में जरूरी बदलाव किए जाने थे। एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग के साथ सीसीटीवी भी अनिवार्य हैं लेकिन एसईसीएल ने दोनों ही सेटअप को स्थापित करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। एसईसीएल रायगढ़ की खदानें अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रही हैं। यहां न तो सीसीटीवी काम कर रहे हैं और न ही एयर क्वालिटी का सिस्टम लगाया गया है। कोयला खदानों को हाईटेक करने की ओर एसईसीएल बेहद लचर तरीके से काम करता है। किसी भी खदान की व्यवस्था सुधारने के लिए गंभीर प्रयास ही नहीं किए जाते।
एनजीटी की कमेटी ने सभी प्लांटों और कोयला खदानों का दौरा किया था। खनन प्रभावित क्षेत्र में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने के लिए डेडलाईन भी दी गई थी। पर्यावरण संरक्षण मंडल के अलावा सभी कोयला खदान संचालक कंपनियों को खदान परिसर में इसे स्थापित करना था। निजी कंपनियों ने तो इसे पूरा किया लेकिन एसईसीएल पिछड़ गया है। किसी भी माइंस में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम ही नहीं लगा है। खदानों में प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखने के लिए यह सिस्टम अनिवार्य था।
सीसीटीवी लगाए नहीं, जो लगे वे खराब
एसईसीएल की माइंस में कई तरह की गड़बड़ी सामने आती रही है। इसे रोकने के लिए सीसीटीवी लगाना अनिवार्य है। हर माइंस को सीसीटीवी से लैस करने के लिए कई आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन एसईसीएल की खदानों में कमियां हैं। इन्हें पूरा करने के लिए किए जा रहे प्रयास भी नाकाफी हैं।
