रायगढ़। दहेज में मोटर सायकल की मांग पूरी नहीं होने पर नवब्याहता बीवी से मारपीट करते हुए उसे खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में आरोप प्रमाणित होने पर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने दहेजलोभी पति को 10 साल की सजा सुनाई है।
न्यायालय सूत्रों के अनुसार पुसौर थाना क्षेत्र के ग्राम लिटाईपानी में रहने वाले उमेश्वर सिदार पिता चूड़ामणि सिदार (30 वर्ष) की शादी 2020 के आषाढ़ माह में ग्राम छोटे खैरा निवासी पायल सिदार के साथ रीति-रिवाज के साथ हुई थी। दुल्हन के परिजनों ने यथाशक्ति दान दहेज देकर अपनी लाडली को मायके से ससुराल रुखसत किया था। विवाहोपरांत पायल के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी और उमेश्वर उसे दहेज में मोटर सायकल लेकर नहीं आने का ताना मारते हुए प्रताड़ित करने लगा।
हफ्तेभर तक तो पायल सहती रही, लेकिन जब पति हिंसा पर उतर आया तो मारपीट की शिकार पायल ने इसकी जानकारी मायके जनों को दी। यही नहीं, उमेश्वर ने यह भी धमकी दे रखी थी कि यदि रक्षाबंधन के पहले वह मायके से 30 हजार रुपए नहीं लाई तो ठीक नहीं होगा। ऐसे में पीहर पक्ष द्वारा पैसे भेजने पर पायल ने उमेश्वर के साथ सारंगढ के ग्राहक सेवा केंद्र जाकर 30 हजार रुपए भी लिया था।
इसके बाद भी दहेज में बाईक की डिमांड पूरी नहीं होने पर लालची पति उसे शारीरिक और मानसिक रूप से इस कदर परेशान करता रहा कि आखिरकार तंग आकर नवविवाहिता को जहर पीकर अपनी जान देनी पड़ गई। इस मामले की रिपोर्ट पर पुसौर पुलिस ने मृतिका के पति उमेश्वर के खिलाफ धारा 304 बी और 306 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध करते हुए केस डायरी को न्यायालय में पेश किया था।
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश किरण कुमार जांगड़े ने इस संवेदनशील प्रकरण से जुड़े साक्ष्यों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद नवब्याहता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले दहेज लोलुप पति को 10 वर्ष के कारावास में भेजने का फरमान जारी किया है।
