रायगढ़। खरसिया में बायपास रोड का निर्माण हुए 15 साल से ज्यादा गुजर चुके हैं। लेकिन जिनकी जमीनों पर रोड बनी है, उनको मुआवजा नहीं मिल पाया है। इतने सालों में कई बार एसडीएम कार्यालय और तहसील के चक्कर लगाए गए लेकिन कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट में याचिका लगाई तो अदालत ने तीन मामलों में एसडीएम को तत्काल निराकरण का आदेश दिया है।
भूमि अधिग्रहण के मामले में रायगढ़ जिला हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है। कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिसमें किसानों की जमीन तो गई है लेकिन उनका नाम पारित अवार्ड से गायब है। कई भूमि स्वामी मुआवजा पाने के लिए खुद को पात्र साबित करने में कई साल तक संघर्ष कर रहे हैं। खरसिया में ऐसे तीन मामले सामने आए हैं। तीन भूमि स्वामियों की जमीन बाम्हनपाली से रेलवे गोदाम तक बायपास रोड निर्माण में गई थी। 2006 में इसका अवार्ड पारित हुआ लेकिन तीनों का नाम उसमें नहीं था। रोड निर्माण में जमीन तो चली गई लेकिन राजस्व विभाग और पीडब्ल्यूडी ने अब तक मुआवजा नहीं दिया।
महुआपाली में दुर्गा शर्मा पति स्व. किशन शर्मा की खनं 47/14 रकबा 0.008 हे., सुरेश कुमार शर्मा पिता रामचंद्र शर्मा की खनं 47/9 रकबा 0.009 हे. और मनीष कुमार पिता बाबूलाल की खनं 47/16 रकबा 0.008 हे. भूमि प्रभावित हुई थी। तीनों ने कई बार एसडीएम खरसिया और पीडब्ल्यूडी के समक्ष आवेदन दिया लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। इसके बाद तीनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने कहा कि इतने सालों में तीनों का दावा भी खारिज नहीं किया गया और मुआवजा भी नहीं मिला। इसलिए कोर्ट ने कलेक्टर और एसडीएम खरसिया को आदेश दिया है कि 90 दिनों में विधिसम्म्मत तरीके से तीनों का क्लेम सेटल कर मुआवजा दें।
एसडीएम-तहसीलदार की रिपोर्ट अलग
इसके पहले एक ऐसा भी मामला सामने आया था जिसमें खरसिया तहसीलदार और एसडीएम दोनों ने अलग-अलग तर्क दिए थे। विष्णु प्रसाद शर्मा पिता गिरधारी लाल शर्मा ने अपनी भूमि खनं 58/4 रकबा 0.2870 हे. का मुआवजा पाने के लिए तहसीलदार की कोर्ट में नक्शा-बटांकन का आवेदन प्रस्तुत किया। हल्का पटवारी ने प्रतिवेदन में कहा कि उक्त भूमि से 80 फुट की बायपास सडक़ गुजरी है। वहीं एसडीएम खरसिया ने 10 जनवरी 2023 को आवेदक विष्णुप्रसाद शर्मा को उनके आवेदन पर जवाब भेजा था। एसडीएम ने कहा था कि बायपास सडक़ में उनकी जमीन प्रभावित ही नहीं हुई है।
