प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत मिला था लाभ, आधार, लैंड सीडिंग और बैंक एकाउंट लिंक को वेरीफिकेशन हुआ तो कम हो गई संख्या
रायगढ़। पीएम किसान सम्मान योजना में किस कदर फर्जीवाड़ा हुआ है इसका खुलासा अब नए सिरे से केवाईसी कराने के दौरान हो रहा है। योजना के प्रारंभ में रायगढ़ जिले में कुल 2,30,550 किसानों का पंजीयन हुआ था। अब केवाईसी में आधार वेरीफिकेशन, लैंड सीडिंग और बैंक एकाउंट व आधार लिंक की बाध्यता करदी गई तो संख्या घटकर करीब 72 हजार रह गई है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को छह हजार रुपए सालाना सहायता राशि दी जाती है। योजना के प्रारंभ में रायगढ़ जिले में जमकर गड़बड़ी की गई। करीब 11 करोड़ रुपए की रिकवरी अभी तक नहीं हो सकी है। छग में करीब 500 करोड़ का गबन अपात्रों ने कर लिया है। पात्र किसानों का हक अपात्रों ने मार लिया है। प्रारंभ में कलेक्टर के आदेश पर मनमाने तरीके से पंजीयन किए गए। जिले में 2,30,550 किसानों के पंजीयन करवा दिए गए। इनमें से किसी की जानकारी वेरीफाई नहीं की गई। राजस्व विभाग ने जिसका नाम चाहा सूची में डाल दिया।
इस वजह से सरकारी कर्मचारी, आयकर दाताओं को भी सम्मान निधि की राशि मिल गई। अब उसकी वसूली की जा रही है। करीब तीन साल तक ऐसे ही चलता रहा। अब गड़बड़ी को रोकने नए सिरे से केवाईसी करने का आदेश दिया गया था। इसमें आधार प्रमाणीकरण के बाद किसान की जमीन की सीडिंग की जानी थी। इसमें बसरा नंबर के साथ एक खसरा नंबर डाला जाना था, ताकि किसान के पात्रता श्रेणी में होने का प्रमाण मिले। इसके बाद बैंक एकाउंट से आधार लिंक होने की जानकारी दुरुस्त करनी थी। इस बार जिले में 95,971 किसानों ने ही पंजीयन करवाया। पात्रता परीक्षण के बाद करीब 72 हजार किसान ही पात्र मिले हैं।
किसी का आधार सही नहीं तो किसी का एकाउंट नंबर
किसान सम्मान योजना की राशि पाने के लिए अपात्रों ने गलत जानकारी दी थी। अब परीक्षण में पता चल रहा है कि किसी के जमीन की डिटेल उसके आधार नंबर से मैच नहीं हो रही है। तो कहीं बैंक एकाउंट किसी और का है। फर्जीवाड़ा करने वालों ने ऐसा किया था। ऐसे सभी पंजीयन निरस्त हो गए हैं। लोक सेवा केंद्रों और कंप्यूटर सेंटरों के जरिए हो रही गड़बड़ी पर लगाम लगी है।
