रायगढ़। अनुसूचित जाति की एक नाबालिग बाला को ब्याह रचाने की बात कहते हुए सडक़ में छेड़छाड़ कर अपमानित करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मनचले युवक को 495 दिन के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावे उसे 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित भी किया है। न्यायालय सूत्रों के अनुसार मूलत: चंद्रपुर थाना अंतर्गत ग्राम मड़वा नवापारा निवासी कबीर दास महंत पिता खुलीदास (29 वर्ष) रायगढ़ के चक्रधर नगर बोईरदादर स्थित पूनम सायकल दुकान के मकान में किराए से रहता था। कबीर दास एक अनुसूचित जाति वर्ग की नाबालिग बाला को आते-जाते छेडख़ानी का शिकार बनाता।
विगत 17 अगस्त 2018 को किशोरी कहीं जा रही थी तो कबीर दास ने पीछा कर उसका हाथ पकड़ा और प्रणय प्रस्ताव रखते हुए ब्याह रचाने की बात कही। चूंकि, कबीर दास ने आकाश सोनी और आशीष दवे के सामने सरेआम ऐसी हरकत कर नाबालिग को अपमानित किया, इसलिए पीडि़ता ने घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी तो पारिवारिक सलाह मशविरा के बाद वे थाने गए और किशोरी ने आपबीती बताई। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट से जुड़े केस में कबीर दास के खिलाफ भादंवि की धारा 354 (घ) (1) के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए केस डायरी को न्यायालय में भेजा।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला पहुंचने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने इस संवेदनशील मसले में घटना से जुड़े पहलुओं, सबूतों और दोनों पक्षो की दलीलों को सुनने के बाद कबीर दास महंत को 495 दिन यानी 1 साल 4 महीने और 10 रोज का कठोर कारावास तथा 500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि चुकता नहीं होने पर मुल्जिम को 1 माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। इस प्रकरण में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।
