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Raigarh News : मेट्रो हॉस्पिटल ने महिला के गर्भाशय से साढ़े तीन किलो का गांठ निकाल दी नई जिंदगी

रायगढ़। श्री बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल जिले के चिकित्सा जगत में नित नए सफलता के आयाम रच रहा है। एक बार फिर से मेट्रो अस्पताल के चिकित्सकों ने एक सफल ऑपरेशन करते हुए महिला को नया जीवन दिया है। दरअसल महिला के गर्भाशय से चिकित्सकों ने साढ़े तीन किलो की गांठ को सफल ऑपरेशन कर निकाला है। अब महिला पूरी तरह ठीक है और भविष्य में गर्भधारण भी कर सकती है। मेट्रो हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महिला को नवजीवन देकर उसके झोली में खुशियों के रंग भर दिया है।

मरीज की हिस्ट्री
रायगढ़ निवासी एक 30 वर्षीय महिला ने 6 साल पहले अपने गर्भ में जुड़वा बच्चों को खो दिया था जिसके बाद महिला दोबारा गर्भधारण नहीं कर पाई। महिला पिछले एक वर्ष से सांस की तकलीफ व पेट में गांठ के दर्द से पीड़ित थी। इलाज के लिए महिला कई अस्पतालों में गई, लेकिन राहत नहीं मिली। बल्कि उन्हें कुछ अस्पतालों में गर्भाशय निकाल देने का सुझाव दिया। इसी बीच महिला को किसी ने श्री बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल के विषय में जानकारी दी तो उम्मीद का दामन थामें महिला स्त्री रोग और प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. सुरभि सैनी (MD, OBGY) से मिलीं। डॉ. सुरभि ने महिला की जांच की तो उन्होंने गर्भाशय में गांठ होना पाया जिन्हें फाइब्रॉइड्स कहते हैं।

फाइब्रॉइड्स के कारण महिला का पेट काफी बड़ा दिखता था जैसे वो आठ महीने की गर्भावती हों। डॉ. सुरभि ने एमआरआई कराया तो पाया कि दो बड़े फाइब्रॉइड्स (22×22 सेमी.) पूरे पेट में फैले हुए थे, जिन्होंने आंतों को एक ओर दबा रखा था। इनके अलावा गर्भाशय में करीब 20 फाइब्रॉइड्स भी थे। संतोषप्रद जांच के बाद डॉ. सुरभि एंड टीम ने व्यवस्थित तरीके से ऑपरेशन की योजना बनाई। महिला को ब्लड चढ़ाकर हिमोग्लोबिन का स्तर सुधारा गया। चिकित्सकों का सर्वोत्तम लक्ष्य गर्भाशय को बचाना था ताकि महिला भविष्य में गर्भधारण करने में सक्षम हो सके इसलिए मायोमेक्टॉमी की योजना बनी।

डॉ. सुरभि सैनी एंड टीम

फिर योजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से ऑपरेशन किया गया। करीब 4.5 घंटे चले इस ऑपरेशन में फाइब्रोईड को आँतो से चिपका पाया गाया। डॉ. राजू पटेल (MS SURGEN) के निर्देश में सावधानी पूर्वक आंतों को अलग किया गया। डॉ. सुरभि के नेतृत्व में दोनों बड़े फाइब्रॉइड्स को गर्भाशय से अलग करने के बाद गर्भाशय से 6×6 सेमी. से 2×2 सेमी. तक के 20 और फाइब्रॉइड्स निकाले गए। गर्भाशय की कई परतों में सिलाई की गयी ताकि कुछ महीनों में वह अपने स्वाभाविक आकार में लौट आए। इन गांठों का वजन 3.565 किलो और आकार 22×22 सेमी था। ऑपरेशन के बाद महिला को 3 दिनों तक डॉक्टरों ने अपनी निगरानी में पूरी देखभाल की और अब महिला स्वस्थ है । डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया है।

गर्भाशय से निकाला गया 3.565 किलो का गांठ

क्या है फाइब्रॉइड्स (Fibroids)
डॉ. सुरभि सैनी ने बताया कि यह एक प्रकार का ट्यूमर है जो गर्भाशय से उत्पन्न होता है। फाइब्रॉइड्स के कारण महिलाओं को माहवारी में अत्यधिक रक्तस्राव होना खून की कमी होना तथा गर्भ ठहरने में मुश्किल होना जैसे लक्षण होते हैं। बहुत बड़े फाइब्रॉइड्स के कारण पेट में वजन लगना तथा सांस लेने की तकलीफ हो सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर आपकी स्थिति देखते हुए इलाज या देख-रेख की सलाह देंगे।

क्या है मायोमेक्टॉमी (Myomectomy)
मायोमेक्टॉमी के बारे में डॉ. सुरभि सैनी ने बताया की यह एक शल्य प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय से गांठे अलग कर निकाली जाती है तथा गर्भाशय को पुननिर्मित किया जाता है। इस आपरेशन द्वारा गर्भाशय को बचा कर आगे गर्भाशय धारण करने की क्षमता को बचाया जाता है।