अधिग्रहित जमीन की जांच करने पहुंचे आरआई-पटवारी, एनएच के सब इंजीनियर भदौरिया को भी बुलाया मौके पर
रायगढ़। रायगढ़-खरसिया के बीच एनएच की जमीनों पर अतिक्रमण के मामले बढ़ गए हैं। ऐसा ही एक मामला जोरापाली में सामने आया जिसमें ग्रामीणों ने विरोध कर काम रुकवाया। एसडीएम ने जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद बुधवार को आरआई और पटवारी ने जांच शुरू की। मसनियाकला से रेंगालपाली के बीच एनएच में कई जगहों पर अतिक्रमण हो चुका है जिसे रोका नहीं गया। आने वाले दिनों में लोगों के मकानों के दरवाजे सीधे एनएच पर ही खुलेंगे। कई लोगों ने एनएच के लिए अधिग्रहित जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। जोरापाली में करीब सात हजार वर्गफुट जमीन पर निर्माण शुरू कर दिया गया था जिसमें से काफी हिस्सा पहले ही एनएच के लिए लिया जा चुका है। पीछे कोटवारी जमीन पर भी निर्माण किया जा रहा है। इसकी जांच का आदेश दिया गया है। बुधवार को आरआई और पटवारी ने जांच शुरू की। मौके पर एनएच के सब इंजीनियर बीएस भदौरिया को भी बुलाया गया था। प्रारंभिक नापजोख में पता चल गया है कि एनएच की जमीन को दबाया गया है। भाजपा नेता नरेश पटेल ने मामले की शिकायत एसडीएम से की थी । निर्माण रुकवाकर कार्रवाई की मांग भी की गई थी। नापजोख एक दिन में नहीं हो सकता। अभी दो- तीन दिन और कार्रवाई चलेगी।
और कितना भ्रष्टाचार सहेगा रायगढ़
जिस भी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए रायगढ़ में भूअर्जन किया गया है उसमें भ्रष्टाचार हुआ। राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इसमें आकंठ डूबे हुए हैं। एनएच, रेल लाइन, एनटीपीसी, महाजेंको कोल ब्लॉक, एसईसीएल कोयला खदान सभी का भू-अर्जन के पूर्व घोटाले की योजना बना ली गई। रायगढ़ से खरसिया के बीच तो इतिहास बना दिया गया है। कई लोग इसमें शामिल हैं जिसमें सफेदपोश नेता से लेकर बड़े-बड़े अफसर शामिल हैं। रायगढ़ जिले में भू-अर्जन मतलब घपला है।
