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Raigarh News : 18 हजार करोड़ में पेलमा खदान का एमडीओ अडाणी को

छग, गुजरात और महाराष्ट्र को आवंटित खदानों का टेंडर पहले ही मिल चुका है, छग में सबसे ज्यादा कोयला खनन करने वाली कंपनी बनी अडाणी

रायगढ़। कोल माइनिंग सेक्टर में अडाणी इंटरप्राइजेस की धमक बढ़ती ही जा रही है। रायगढ़ जिले में एक के बाद एक एमडीओ अडाणी की झोली में गिर रहे हैं। अब एसईसीएल की पेलमा माइंस का एमडीओ भी अडाणी इंटरप्राइजेस को मिला है जिसकी वैल्यु 18604 करोड़ है। देश में पहली बार कोल इंडिया की खदानों से उत्पादन के लिए आउटसोर्सिंग का सहारा लिया जा रहा है। पुराने ढर्रे पर चल रही कोल इंडिया को आने वाले दिनों में कोयले का उत्पादन कई गुना बढ़ाने की जरूरत है। देश में ऊर्जा की खपत बढऩे के कारण कोयले की डिमांड भी बढ़ती जाएगी। इसे पूरा करने के लिए कोयला खदानों से उत्पादन भी उसी अनुपात में बढ़ाना होगा। इसलिए कोल इंडिया ने अब माइंस का संचालन अपने हाथ में रखने के बजाय इसे माइंस डेवलपर कम ऑपरेटर के हाथ देने की शरुआत की है। देश के सात प्रोजेक्ट में एमडीओ तय कर लेटर ऑफ एक्सप्टेंस जारी कर दिए गए हैं। इनमें रायगढ़ जिले में एसईसीएल की पेलमा माइंस है।

तमनार की इस खदान का एमडीओ अडाणी इंटरप्राइजेस को मिला है। 20 साल के लिए अडाणी को मिले एमडीओ की कीमत करीब 18605 करोड़ रखी गई है। इस माइंस से प्रतिवर्ष 25 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है। कई सालों से आवंटन के बावजूद एसईसीएल कुछ खदानों को प्रारंभ ही नहीं कर सका है। कई तरह की व्यवहारिक दिक्कतों को हल करने में एसईसीएल के हाथ बंध जाते हैं। इसलिए अब कोयला मंत्रालय ने निजी खदानों की तर्ज पर एमडीओ सिस्टम लागू किया है। घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने और आयात को घटाने के लिए यह रणनीति बनाई गई है ताकि उत्पादन तेजी से बढ़े। सोमवार को एलओए जारी किया गया है। 29 सितंबर 2021 को इसका टेंडर जारी किया गया था। कई दिग्गज कंपनियों ने इसके लिए बिडिंग की थी।

पहले ही 4 खदानों में अडाणी का कंट्रोल

रायगढ़ जिले में जितनी तेजी से अडाणी इंटरप्राइजेस की धाक बढ़ी है, उतनी तेजी से तो कोई भी कंपनी आगे नहीं आई। पेलमा माइंस को 18605 करोड़ में हासिल करने के पहले अडाणी को चार खदानें मिल चुकी हैं। गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन की गारे पेलमा सेक्टर वन, महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन के गापे सेक्टर टू, छग स्टेट पावर जेनरेशन की गापे सेक्टर थ्री और अंबुजा सीमेंट्स की गारे पेलमा 4/8 कोल माइंस भी अडाणी ग्रुप ही संचालित कर रहा है। अब एसईसीएल की माइंस भी अडाणी इंटरप्राइजेस के हवाले हो गई है।

एक पावर प्लांट लेकिन केप्टिव माइंस एक भी नहीं
अडाणी ग्रुप के संबंध में बहुत दिलचस्प जानकारी पता चली है। दूसरी कंपनियों को आवंटित कोल ब्लॉक को डेवलप करने के लिए एमडीओ लेने में अडाणी इंटरप्राइजेस बहुत आगे निकल चुका है। कंपनी का एक पावर प्लांट रायगढ़ में भी है जिसे पहले कोरबा वेस्ट और अब रायगढ़ एनर्जी जेनरेशन के नाम से जाना जाता है। इस प्लांट को चलाने के लिए कोई केप्टिव माइंस अडाणी ग्रुप के पास नहीं है। केप्टिव माइंस हासिल करने में अडाणी ग्रुप ने कभी एग्रेसिव बिडिंग नहीं की है।