फंड की कमी होने पर सीएमएचओ ने जीवनदीप समिति के खाते से कराया काम
रायगढ़। फंड के अभाव में 2 महीने से खराब हालत में अनुपयोगी पड़े एमसीएच बिल्डिंग की लिफ्ट आखिरकार बन गई है। जनहित को देखते हुए सीएमएचओ ने जीवनदीप समिति के खाते से लिफ्ट में सुधार कार्य करवाते हुए इसे सेवा के लिए पुन: समर्पित किया है। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से कुछ दूर आगे 100 बिस्तर वाले एमसीएच यानी मदर चाईल्ड हॉस्पिटल में वैसे तो मरीजों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है। जैसाकि यहां ग्राउंड फ्लोर से चौथी मंजिल तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां जरूर है, पर डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ के साथ पब्लिक के लिए हाईटेक लिफ्ट भी लगाई गई है।
यह अलग बात है कि तकनीकी खराबी आने के कारण विगत तकरीबन 2 महीने से यहां लिफ्ट के नहीं चलने के कारण मेडिकल स्टॉफ के साथ प्रसूति के लिए पहुंचीं महिलाओं और उनके परिजनों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही थी, मगर अब सबकुछ बदल गया है। दरअसल, मातृ-शिशु अस्पताल में 2 माह से खराब पड़ी लिफ्ट को रिपेयरिंग कराने के लिए फंड का टोंटा था। बजट के अभाव में लिफ्ट को नवजीवन नहीं मिल पा रहा था। यही नहीं, टेक्निकल प्रॉब्लम्स की भेंट चढ़े लिफ्ट के अनुपयोगी पडऩे से चिकित्सकीय दल और गर्भवती महिलाओं के साथ उनके साथ आने वालों को अस्पताल के नीचे से ऊपर जाने में खासी परेशानियां उठानी पड़ रही थी।
चूंकि, लिफ्ट रिपेयरिंग करने वाले सर्विस सेंटर के लोग कैश पेमेंट मांगते हैं जो अस्पताल प्रबंधन के पास नहीं है, लिहाजा काम अटक गया था। वहीं, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी श्रीमती मधुलिका तिवारी को जब इसकी भनक लगी और जनहित के मद्देनजर रुचि लेते हुए जब वे समस्या की जड़ तक पहुंची तो पता चला कि फंड की कमी से सबकुछ रुका है। फिर, उन्होंने डायरेक्टेड बैठक में जीवनदीप समिति के खाते से लिफ्ट में सुधार कार्य कराने का न केवल उपाय निकाला, बल्कि तत्काल नोट सीट भी बनवाया। यही वजह है कि सीएमएचओ की सकारात्मक पहल और जीवनदीप समिति के फंड से लिफ्ट के दुरुस्त होते ही लोग अब पहले की तरह इसका सदुपयोग करने लगे हैं।
