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Raigarh News : शॉर्टेज जीरो करने के डेढ़ साल बाद प्रबंधक गिरफ्तार

खाद्य विभाग, सहकारिता और मार्कफेड ने नहीं दी थाने में जानकारी, खरीदी बंद कर आंदोलन पर उतरा संगठन, समझाईश के बाद शुरू हुई खरीदी

रायगढ़। आम तौर पर फिल्मों देखा जाता है कि अपराध होने के बहुत देर बाद पुलिस पहुंचती है। यह बात रायगढ़ पुलिस ने साबित भी कर दी है। एफआईआर के डेढ़ साल बाद धान कमी के आरोपी प्रबंधक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस की कार्रवाई के बाद पता चला कि प्रबंधक ने धान की भरपाई एक साल पहले ही कर दी थी। गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही आसपास की समितियों में धान खरीदी बंद कर दी गई।

मामला धरमजयगढ़ के खडग़ांव 180 समिति का है। बोगस खरीदी कर शासन को नुकसान पहुंचाने वाली समितियों में यह समिति भी शामिल थी। वर्ष 20-21 में धान खरीदी के बाद उठाव पूरा हो गया लेकिन यहां धान की कमी हो गई। कई बार नोटिस देने के बावजूद धान की भरपाई नहीं की गई। फर्जी खरीदी के कारण धान की कमी दिख रही थी। खाद्य विभाग, मार्कफेड और सहकारिता विभाग ने मिलकर धान को जीरो शॉर्टेज करने का फरमान सुनाया।

खडग़ांव180 उपार्जन केंद्र में 2241 क्विं. धान कमी कीमत 56,02,500 रुपए, बारदाना 14766 नग कमी कीमत 2,21,490 रुपए कुल 58,23,990 रुपए की क्षति सरकार को पहुंचाई गई थी। 8 जुलाई 2021 को धरमजयगढ़ थाने में खडग़ांव180 समिति अध्यक्ष अध्यक्ष रविनारायण राठिया, प्रबंधक कृपाराम राठिया, डाटा एंट्री ऑपरेटर अनिल कुमार राठिया, बारदाना प्रभारी कुलदीप राठिया सहित संचालक मंडल सदस्यों के विरुद्ध धारा 409, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था।

इसके बाद डेढ़ साल तक पुलिस चुप रही। बताया जा रहा है कि आईजी के दौरे को देखते हुए पेंडिंग केस निपटाने के लिए पुलिस टीम ने गुरुवार को प्रबंधक कृपाराम राठिया को गिरफ्तार कर लिया। उसे तुरंत जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व ही बवाल मच गया। समिति कर्मचारी संगठन ने विरोध जताते हुए धान खरीदी बंद कर दी। धान बेचने आए किसानों ने भी हंगामा मचाते हुए चक्काजाम कर दिया। एसडीएम धरमजयगढ़ डिगेश पटेल ने किसानों को समझाईश देते हुए खरीदी प्रारंभ करवाई।

आज जमानत नहीं हुई तो खरीदी बंद
बताया जा रहा है कि जुलाई 2021 में एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रबंधक और अध्यक्ष ने मिलकर धान की भरपाई की थी। जीरो शॉर्टेज होने के बाद जिला प्रशासन को प्रतिवेदन बनाकर थाने में प्रस्तुत करना था। पुलिस की एफआईआर तो कायम थी। डेढ़ साल बाद अचानक लंबित केस दिखा तो गुरुवार को 70 वर्षीय प्रबंधक कृपाराम राठिया को गिरफ्तार कर लिया गया। अब इस मामले में समिति प्रबंधक संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। शनिवार को जमानत नहीं हुई तो अगले हफ्ते से धान खरीदी बंद कर दी जाएगी।

गबन को मान्यता देने का घोटाला
धान में सूखत के कारण कुछ शॉर्टेज आ सकता है। लेकिन सैकड़ों क्विंटल की कमी संभव नहीं है। दो आजू-बाजू की समितियों में ही धान कमी में सैकड़ों क्विंटल का अंतर है। दरअसल बोगस खरीदी के कारण इतना ज्यादा शॉर्टेज आता है। समय पर कार्रवाई के बजाय बाद में रिकवरी की जाती है। मतलब गबन होने के बाद उतनी राशि भरवा ली जाती है। जो धान समिति में नहीं आता, उसका उठाव मिलर कर लेते हैं और परिवहन बिल भी वसूलते हैं। यह बहुत बड़ा घपला है जिसमें सबका कमीशन बंधा हुआ है।

क्या कहते हैं चितरंजन
खडग़ांव 180 समिति में धान की कमी हुई थी इसलिए एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में समायोजन हो गया था। इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दे पाए थे। संभवत: इसलिए ऐसा हुआ होगा।
– चितंरजन सिंह, प्रभारी खाद्य अधिकारी