कोतरा रोड आरओबी के लिए दो बार तारीख देकर कैन्सिल कर चुका रेलवे, सिर्फ 5 गर्डर लॉन्चिंग का रह गया है काम
रायगढ़। कोतरा रोड आरओबी में गर्डर चढ़ाने के लिए रेलवे से केवल दो घंटे का ब्लाक चाहिये। यदि ब्लाक मिल जाता है तो आसानी के साथ 5 गर्डर को लॉंच किया जा सकता है मगर रेलवे है कि तारीख देने के बाद मुकर रहा है। ऐसा दो बार हो चुका है जबकि दूसरी ओर इस रूट पर यात्री ट्रेनें कैंसिल होने के कारण यातायात का दबाव भी कम है।
वाकई में लगता है कि अब रेलवे को जनसरोकार से कोई लेना देना नहीं रह गया है। न तो रेलवे यात्री सुविधाओं को लेकर गंभीर हो रही है और न ही आमजनता के हितों को लेकर संजिदा है। अभी जब इस रूट की अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गई है तब कोतरा रोड आरओबी का काम आसानी से हो सकता था मगर रेलवे ने इसमें भी अपनी परिमशन नहीं दी। आरओबी का काम 97 प्रतिशत पूरा हो चुका है। मात्र 3 प्रतिशत शेष रह गया है। विगत 31 अगस्त को रेलवे ने एक घंटे का ब्लॉक दिया तो 8 सितंबर को एक घंटे का ब्लॉक दिया। इस दो घंटे के ब्लॉक में पटरी के ऊपर 7 गर्डर को लांच कर दिया गया है।
अभी सिर्फ मेन लाइन में 2 और तीसरी लाइन में 3 मिलाकर कुल 5 गर्डर लांचिंग करना बाकी है। ठेका कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत कुमार दत्ता की मानें तो अगर रेलवे ने दो बार एक-एक घंटे का ब्लॉक दे दिया जाए तो गर्डर लांचिंग का काम पूरा हो जाएगा लेकिन अब रेलवे शांत पड़ गया है जबकि रायगढ़-झारसुगुड़ा सेक्सन में चौथी लाइन का कार्य और ईब स्टेशन को चौथी लाइन से कनेक्टिविटी करने का कार्य चल रहा है, जिस वजह से बिलासपुर जोन से 66 यात्री ट्रेनों को 21 से 29 सितंबर तक रद्द कर दिया गया है।
ऐसे में रेलवे के पास सुनहरा मौके है कि वो आराम से रायगढ़ में दो घंटे का मेगा ब्लॉक दे सकते हैं लेकिन ब्लॉक की वजह से कहीं मालगाडिय़ों का परिवहन प्रभावित न हो इस वजह से रेलवे के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। यही कारण है कि रायगढ़वासियों के लिए आरओबी का सपना अब तक सपना ही बन कर रह गया है। ठेका कंपनी की मानें तो रेलवे के अधिकारी बोलते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। रेलवे ने 25-26 सितंबर को पहला और 28-29 सितंबर को दूसरा ब्लॉक देने की मौखिक स्वीकृति प्रदान की थी मगर बाद में इससे मुकर गये।
अब जनवरी 2023 तक बढ़ी अवधि
अगर रेलवे द्वारा ब्लॉक देने से गर्डर लांचिंग का काम पूरा भी हो जाता है तो ओवरब्रिज के काम को पूरा होने में और 4 माह लगेगा, क्योंकि गर्डर लांचिंग के बाद उस पर स्लैब ढालने, डामरीकरण करने में समय लग जाएगा। पहले जहां ओवरब्रिज को पूरा करने का लक्ष्य 2021 था अब वह बढ़ते ही जा रहा है। ठेका कंपनी की मानें तो अब इस काम को पूरा करने के लिए 26 जनवरी 2023 का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
