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Raigarh News : समितियों में 23 करोड़ का लोन एनपीए ! किसानों ने नहीं चुकाया कर्ज, चुनावी वर्ष में कर्ज वसूली में होगी दिक्कत

रायगढ़। हर साल समितियों से हजारों किसानों को लोन दिया जाता है ताकि खेती में उनकी मदद हो सके। धान बेचने के बाद इसकी रिकवरी लिंकिंग से होती है। लेकिन हर साल सभी किसान लोन नहीं चुकाते। साल दर साल यह लोन कालातीत होता जाता है। वर्ष 22-23 में करीब 23 करोड़ का लोन कालातीत हो चुका है।

लोन लेकर नहीं चुकाना एक बड़ी वित्तीय समस्या बन चुका है। बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों के साथ सहकारिता के क्षेत्र में भी लोन डिफॉल्ट होना सामान्य हो चुका है। जब यह सीमा से अधिक हो जाता है तो फिर लोन माफ करने की मांग की जाती है। राज्य सरकार ने 2018 में सभी किसानों का लोन माफ किया था। उसके बाद हर साल कुछ किसान ऐसे रहे जिन्होंने लोन नहीं चुकाया। 22-23 तक रायगढ़ जिले में 2613 किसानों का 8.26 करोड़ लोन कालातीत हो चुका है। इसी तरह जशपुर में 1620 किसानों के 3.03 करोड़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 2912 किसानों का 11.98 करोड़ लोन डिफाल्ट हो चुका है। अपेक्स बैंक के अलावा दूसरे बैंकों से लिए गए लोन भी कालातीत हो चुके हैं। नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से किसानों को उम्मीद है कि सरकार कर्ज माफ करेगी। यह लोन एनपीए होने वाला है।

लिन्किंग से नहीं कटवाते राशि
अपेक्स बैंक के अलग-अलग ब्रांच में किसानों से वसूली का आंकड़ा अलग है। कुछ ब्रांच का प्रदर्शन लचर रहा है। सारंगढ़ और बरमकेला में वसूली की स्थिति खराब है। इन दोनों ब्रांचों में न केवल कर्ज वसूली बल्कि खाद की नकद रकम भी समायोजित नहीं हो सकी है। किसान के धान विक्रय के बाद लिंकिंग से राशि काटी जानी चाहिए थी लेकिन इसे लंबित रख दिया जाता है। लिंकिंग का विकल्प नहीं मिलने पर किसान के खाते से राशि डेबिट कर कर्ज वसूली का तरीका अपनाया गया था। लेकिन यह भी सफल नहीं रहा।

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