Skip to content
Home | कृषि भूमि पर लाईमस्टोन की लीज, खरीफ धान भी लगाया

कृषि भूमि पर लाईमस्टोन की लीज, खरीफ धान भी लगाया

  • लीज की सारी जमीन बिना डायवर्सन के, कोटवारी जमीन पर भी लीज एरिया में, खनिज विभाग ने लाइमस्टोन और डोलोमाइट के खनिपट्टों के लिए नियम रखे ताक पर

रायगढ़, 2 अक्टूबर। बिना डायवर्सन की कृषि जमीन पर गौण खनिजों के खनिपट्टे स्वीकृत किए जाने के मामले उजागर हो ही रहे हैं। अब एक क्रशर संचालक ने तो कमाल ही कर दिया है। कृषि भूमि पर लाइमस्टोन खदान की अनुमति ली गई है। उसकी गिरदावरी भी करवाकर खरीफ धान दर्ज करवा लिया। यही नहीं, कोटवारी सेवा भूमि पर भी खनिपट्टा लीज लेकर उसमें भी धान दिखा दिया। क्रशर संचालकों के कारनामे देखकर हर कोई हैरान है। खनिज विभाग की मिलीभगत से ऐसे-ऐसे काम किए गए हैं जिसे सुनकर चौंकना स्वाभाविक है। ग्राम सहजपाली तहसील बरमकेला में एक क्रशर स्थापित है।

खनिज विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लाइमस्टोन खनिपट्टे के लिए खसरा नंबर 308/1 रकबा 0.0570 हे., खनं 308/2/क रकबा 0.0330 हे., खनं 308/2/ख रकबा 0.0320 हे., 308/3 रकबा 0.0980 हे., 308/4 रकबा 0.1170 हे., 308/5 रकबा 0.0340 हे., 308/6 रकबा 0.1010 हे., 307/1 रकबा 0.0510 हे. और 312 रकबा 0.2710 हे. रकबे पर लीज स्वीकृत की गई है। क्रशर संचालक को 3 अक्टूबर 2011 से 2 अक्टूबर 2041 तक 30 साल के लिए लीज दी गई है। इस जमीन की पड़ताल करने पर हैरान करने वाले आंकड़े मिल रहे हैं।

सारे खसरा नंबरों पर लाइमस्टोन की खदान है, लेकिन पटवारी ने 22 सितंबर 2023 को इसकी गिरदावरी भी की है। गिरदावरी में सभी खसरा नंबरों पर खरीफ धान लगाए जाने की पुष्टि भी की है। मतलब जिस जमीन पर खदान है, उस पर धान भी बेचा जाएगा। इस तरह की अंधेरगर्दी बरमकेला तहसील में मची हुई है। क्रशर संचालक को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए खनिज विभाग और राजस्व विभाग दंडवत् हो चुके हैं। यही नहीं जमीनों को छग राज्य ग्रामीण बैंक में बंधक रखकर लोन भी लिया गया है।

कोटवारी भूमि पर खनन और खेती दोनों

इसमें से खसरा नंबर 312 रकबा 0.2710 हे. कोटवारी सेवा भूमि के रूप में दर्ज है। इस भूमि पर भी खनिपट्टा स्वीकृत कराया गया है। साथ में 30 सितंबर को गिरदावरी भी की गई है जिसमें खरीफ धान लगाए जाने का विवरण दर्ज किया गया है। पटवारी ने कमाल की गिरदावरी की है। कोटवारी सेवा भूमि को भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बंधक रखा गया है। इस तरह से घोटाले सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में किए जा रहे हैं।