रायगढ़। शहर के बालसमुंद की तरह वार्ड क्रमांक 34 के भी कुष्ठ रोगियों ने एक बार फिर जिला प्रशासन से अपनी जमीन एवं घर द्वार के लिये गुहार लगाते हुए नि:शुल्क पट्टे की मांग की है। आशियाने की फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे कुष्ठ पीड़ितों ने एक संपन्न परिवार द्वारा उन्हें परेशान करने का आरोप भी लगाया है।
मंगलवार को जनदर्शन में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के नाम शिकायत पाती लेकर कलेक्ट्रेट में घंटों तक बैठे 40 परिवार की कुष्ठ रोगियों में शौकीलाल भगत, श्यामलाल संवरा, अमृत राणा, दुर्जन, अमूल्या किस्पोट्टा सहित अन्य महिलाओं का कहना है कि विगत 1980-82 के पहले कुष्ठ रोग होने पर जब परिजन उन्हें अपमानित कर घर से खदेड़ दिये तो शहर के वार्ड क्रमांक 34 के छातामुड़ा स्थित संत विनोबा नगर की बंजर भूमि पर आशियाना बसाते हुए वहां बस्ती बना कर रह रहे हैं। वहीं, लगभग 40 बरस बाद एक गुप्ता परिवार उस जमीन को अपना बताते हुए उनको भगाने की कोशिश कर रहा है।
पीड़ितों का यह भी कहना है कि जब वे छातामुड़ा की जमीन को छोडऩे से इंकार करते हैं तो गुप्ता परिवार उनको कच्चे घर और बाड़ी से खदेडऩे के लिए सताते हुए नोटिस जारी कर तहसील न्यायालय पुसौर में बुलवाया तो गरीबों को 20 जुलाई को डिक्री भी मिली। यही वजह है कि भविष्य में कोई भी शख्स दबंगई दिखाते हुए इनको मकान-बाड़ी से बेदखल न कर सके, इसलिए भूमि सीमांकन कर नि:शुल्क पट्टा देने की पुरजोर वकालत प्रशासन से की है।
