Skip to content
Home | विशेष बच्चों के मन में विश्वास जगाना समाज की जिम्मेदारी : कलेक्टर श्रीमती साहू

विशेष बच्चों के मन में विश्वास जगाना समाज की जिम्मेदारी : कलेक्टर श्रीमती साहू

जेएसपी फाउंडेशन ने विशेष बच्चों के लिए किया राज्य स्तरीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक समागम का आयोजन

पूरे राज्य से 250 से अधिक बच्चों, उनके परिजनों और शिक्षकों ने की शिरकत

रायगढ़। जेएसपी फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित राज्य स्तरीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक समागम के समापन समारोह में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। अपने उद्बोधन में उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज की जिम्मेदारी है कि ऐसे विशेष बच्चों के मन में विश्वास जगाया जाए कि उनमें कोई कमी नहीं, बल्कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं, जो बाकी बच्चों के पास नहीं है। उन्हें बस उस शक्ति को पहचान कर और उसका उपयोग करते हुए जिंदगी में बहुत आगे बढ़ना है।

विश्व दिव्यांगजन दिवस पूरी दुनिया में 3 दिसंबर को मनाया जाता है। दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली सभी संस्थाओं में इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए जेएसपी फाउंडेशन द्वारा दिव्यांगजन दिवस से 2 दिनों पहले ही, 1 दिसंबर को राज्य स्तरीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक समागम का आयोजन किया गया। इसमें राज्य के कई जिलों के 250 से ज्यादा विशेष बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लेते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। ओपी जिंदल आॅडिटोरियम में आयोजित समापन समारोह में विशेष बच्चों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कलेक्टर श्रीमती रानू साहू रहीं। अपने उद्बोधन में उन्होंने जेएसपी फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की सराहना की। उन्होंने विशेष बच्चों के लिए किए गए आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से इन बच्चों और उनके परिजनों को एक-दूसरे को जानने और अनुभवों से सीखने का मौका मिलता है। उन्हें मानसिक तौर पर संबल भी मिलता है कि और भी लोग इस तरह की तकलीफ से गुजर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जब किसी परिवार में ऐसे बच्चे होते हैं, तो माता-पिता के मन में पीड़ा होती है। लेकिन इस पीड़ा को ही शक्ति बनाकर, बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारते हुए यह एहसास कराना होगा कि हम उनके साथ हैं। इससे बच्चे की आधी तकलीफ दूर हो जाएगी। उन्होंने बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे शिक्षकों की भूमिका की भी सराहना की।

जिंदल स्टील एंड पॉवर के कार्यपालन निदेशक सब्यसाची बंदोपाध्याय ने कहा कि सामान्य बच्चों की तुलना में इन विशेष बच्चों के जीवन में चुनौतियां कहीं अधिक हैं। हम सभी को समाज के तौर पर ऐसे बच्चों और उनके परिवार को संबल प्रदान करना चाहिए। उन्होंने आशा द होप के माध्यम से जेएसपी फाउंडेशन द्वारा विशेष बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।

ओपी जिंदल स्कूल के प्राचार्य आरके त्रिवेदी ने इस अवसर पर कहा कि दुनिया में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब शारीरिक रूप से कुछ कमियों के बाद भी अपनी हिम्मत और लगन से लोगों ने अपना नाम इतिहास में अमर कर लिया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जेएसपी फाउंडेशन और ओपीजेएस के माध्यम से समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास भविष्य में भी जारी रहेंगे।

इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के उप संचालक विनय तिवारी एवं जिंदल लेडिज क्लब की अध्यक्ष श्रीमती अनंदिता बंदोपाध्याय भी उपस्थित रहीं। आभार प्रदर्शन जेएसपी के जनसंपर्क प्रमुख संजीव चौहान ने किया। इससे पहले सुबह हुई खेलकूद स्पर्धा में विशेष बच्चों ने ट्राईसिकल रेस, लंबी कूद, गोला फेंक, तवा फेंक, भाला फेंक, सॉफ्ट बॉल, जलेबी दौड़ सहित कई अन्य खेलों का आयोजन किया गया। इनमें बच्चों ने पूरे उत्साह से हिस्सा लिया।