नीलामी में गारे पेलमा सेक्टर-1 ईस्ट को किया हासिल, मात्र 9 प्रश रेवेन्यू शेयरिन्ग की सर्वाधिक बिड
रायगढ़, 6 मार्च। चार साल पहले तक जिंदल पावर लिमिटेड को बाजार में टिके रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। अब वही कंपनी कोल ब्लॉक ऑक्शन में सबसे कामयाब बनकर उभर रही है। कंपनी ने रायगढ़ जिले में एक और कोल ब्लॉक हासिल कर लिया है। गारे पेलमा सेक्टर-1 ईस्ट को भी मात्र 9 प्रश रेवेन्यू शेयरिंग की बोली लगाकर हासिल कर लिया है। 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपनी सारी कोयला खदानें खो चुके जिंदल समूह ने अब वापस से पुरानी प्रतिष्ठा हासिल कर ली है। वर्तमान में कोल ब्लॉक ऑक्शन चल रहा है, जिसमें रायगढ़ जिले का नया कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर-1 ईस्ट भी था।ऑनलाइन ऑक्शन में जेपीएल ने 9 प्रश रेवेन्यू शेयर की सर्वाधिक बिड डाली है। यह कोयला खदान भी कमर्शियल यूज के लिए है।
एक मार्च को ही जेपीएल ने गारे पेलमा 4/2 व 4/3 कोल ब्लॉक हासिल किया है। अब एक और खदान भी जेपीएल की झोली में गिरी है। इस माइंस के लिए जेपीएल के अलावा गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और रायगढ़ नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड ने भी बिड डाली थी। जेपीएल ने दोनों कंपनियों को बहुत जल्दी बिडिंग में पीछे छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि दोनों कंपनियों की बहुत ज्यादा रुचि नहीं थी। इसीलिए ऑक्शन भी ज्यादा लंबा नहीं चला। गापे 4/2 व 4/3 माइंस को जेपीएल ने 30.75 प्रश रेवेन्यू शेयरिंग की बिड डालकर हासिल किया था। वहीं गापे सेक्टर-1 ईस्ट को मात्र 9 प्रश में ही पा लिया। इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
साढ़े नौ सौ मिलियन टन कोयला
इस कोल ब्लॉक से दर्जन भर गांव प्रभावित होंगे। करीब 30 वर्ग किमी के दायरे में फैले इस कोल ब्लॉक में 2 प्रश वन भूमि है। अनुमानित कोयला भंडार करीब 965 मिलियन टन है। औसतन जी-12 ग्रेड का कोयला निकलने का अनुमान लगाया गया है। अब जेपीएल के पास रायगढ़ जिले में पांच खदानें हो चुकी हैं। आने वाले दिनों में और भी कोयला खदानों के लिए बोली लगाई जा सकती है। रायगढ़ जिले में जेपीएल सबसे बड़ा कोयला उत्पादक और विक्रेता बनेगा। एसईसीएल का उत्पादन भी पीछे छूट जाएगा।
