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Raigarh News : जतन परिसर में सेन्सरी गार्डन के नाम पर मजाक!

बिना जानकारी के किया निर्माण, दिव्यांगों और बुजुर्गों के हिसाब से होना था निर्माण

रायगढ़। दिव्यांगों के लिए जतन केंद्र में सेन्सरी गार्डन का निर्माण किया गया था। इसकी हालत देखेंगे तो सेन्सरी गार्डन के नाम का ही मजाक लगेगा। जिस तरह का काम ऐसे विशेष गार्डन में होता है, वैसा कुछ भी नहीं है। डीएमएफ से इस गार्डन में करीब 20 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।

डीएमएफ की लूट का एक और मामला सामने आया है। वर्ष 16-17 में जिला पंचायत के सामने जतन परिसर में सेन्सरी गार्डन के निर्माण के लिए 19.77 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई थी। जतन केंद्र में आने वाले मरीजों के हिसाब से इस गार्डन को बनाया जाना था। पांचों इंद्रियों की तृप्ति के लिए ऐसे गार्डन बनाए जाते हैं, लेकिन रायगढ़ का यह गार्डन अनोखा है। बाकी गार्डन की तरह इसे सामान्य बना दिया गया। यहां सेन्स करने के लिए कुछ है ही नहीं। जबकि ऐसे गार्डन में रूप, रंग, गंध, ध्वनि एवं स्वाद की तृप्ति निर्माण किया जाता है।

संवेदी उद्यान का निर्माण छोटे बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम लोगों के लिए भी लाभकारी है। जतन परिसर में निर्माण का उद्देश्य भी वही है। पीडब्ल्यूडी को इसके लिए डीएमएफ से राशि स्वीकृत की गई थी। संवेदी उद्यान स्पर्श की अनुभूति प्रदान कर सकते हैं। ऐसे गार्डन आमतौर पर ऑटिज्म या डिमेंशिया जैसी विशेष जरूरतों वाले लोगों के लिए डिजाइन किए जाते हैं। जतन परिसर के गार्डन में न तो फव्वारा है और न ही कोई विशेष वनस्पति।