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Raigarh News : ज्वाइंट टीम ने की थी जांच, किस वॉशरी पर होगी कार्रवाई? पूरे प्रदेश की कोल वॉशरीज में पड़े थे छापे, रायगढ़ में छह फर्मों की हुई थी जांच

रायगढ़। ईडी और आईटी की रेड के बीच प्रदेश की ज्वाइंट टीमों ने भी कई कोल वॉशरीज में छापेमारी की थी। अब इन पर भी कार्रवाई की जा रही है। बिलासपुर में नौ वॉशरीज का लाइसेंस निरस्त होने के बाद अब रायगढ़ में भी स्क्रूटनी की जा रही है। कोयले की कालाबाजारी के अड्डे बन चुके कोल डिपो और निजी वॉशरीज को खनिज विभाग की विशेष कृपा प्राप्त है। इनमें कभी भी कोई खनिज अधिकारी झांकने तक नहीं जाता। प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की छापेमारी के बीच राज्य शासन ने भी जुलाई में कोल वॉशरीज और डिपो में जांच करवाई थी। राजस्व, खनिज, पर्यावरण और जीएसटी की संयुक्त जांच टीमों ने जांच की थी।

रायगढ़ में केएल एनर्जी देहजरी, भाटिया एनर्जी छोटे डुमरपाली खरसिया, शिव शक्ति स्टील चक्रधरपुर रायगढ़, नवदुर्गा फ्यूल्स बरपाली तमनार, सारडा एनर्जी तमनार और फिल कोल बेनीफिकेशन नवापारा टेंडा में छापा पड़ा था। जांच टीमों को कोयले के स्टॉक वेरीफिकेशन के अलावा ऑनलाइन टीपी से भी क्रॉस चेक करने को कहा गया था। ग्रेड वाइस कोल डिपो या वॉशरी में कितना कोयला आया, कहां से आया, किसे कोयला भेजा गया, कितना मिडलिंग कोल निकला, कितना रिजेक्ट हुआ, ऐसे ही कई बिंदुओं पर जांच की गई थी। अब इसमें कार्रवाई होनी है। बिलासपुर में नौ कोल डिपो की अनुज्ञा निरस्त की गई है। इसी तरह रायगढ़ में भी कार्रवाई की जानी है।

कोयले में बड़ी हेराफेरी
जांच टीमों को जो प्रमाण मिले हैं उसमें भारी हेराफेरी सामने आई है। बताया जा रहा है कि ऑनलाइन और भौतिक रूप से कोयले के स्टॉक में भारी अंतर मिला है। इन तथ्यों को खनिज विभाग छिपाने का प्रयास कर रहा है। दरअसल रायगढ़ के पूर्व अधिकारियों के संरक्षण में ये कोल डिपो और वॉशरीज अफरा-तफरी के मुख्य केंद्र थे।

दो वॉशरीज को लेकर गहराया संदेह
रायगढ़ जिले में जिन छह फर्मों में जांच की गई थी, उनमें से दो में भारी गड़बड़ी मिली है। बाकी में भी अनियमितता मिली थी। सभी डिपो संचालकों को गड़बड़ी छिपाने के लिए समय भी दिया गया था। अब इस पर कार्रवाई की जा रही है। सभी की रिपोर्ट खनिज विभाग में पड़ी हुई थी जो अब बाहर निकाली गई है। इसमें से वॉशरीज के स्वामित्व को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।