करीब 31 प्रश रेवेन्यू शेयर की लगाई सबसे बड़ी बिड, अब रायगढ़ जिले में सभी पुरानी खदानें वापस कंपनी को मिलीं
रायगढ़, 1 मार्च। कोल ब्लॉक के कमर्शियल ऑक्शन की 15 वीं और 16 वीं खेप में जिंदल पावर ने फिर से अपनी पुरानी माइंस हासिल कर बाजी मार ली है। बुधवार रात घोषित परिणामों से पता चला कि जेपीएल ने गारे पेलमा 4/2 व 4/3 को 30.75 प्रश रेवेन्यू शेयर की सर्वाधिक बोली लगाई गई थी। कोयला मंत्रालय ने करीब 29 कोयला खदानों की नीलामी सोमवार से शुरू की है। इसके लिए टेक्निकली क्वालिफाइड बिडर्स की सूची जारी कर दी गई थी। इसमें रायगढ़ की पांच खदानें हैं। इन पांचों खदानों के लिए जिंदल पावर लिमिटेड ने बिड डाली थी। नीलामी के दूसरे दिन गारे पेलमा 4/2 व 4/3 खदान भी सूचीबद्ध थी। अंतिम समय में एक बिड आ जाने के कारण नीलामी को बुधवार दोपहर तक बढ़ाया गया था। बुधवार रात को परिणामों की घोषणा कर दी गई।
जिंदल पावर लिमिटेड ने 30.75 प्रश रेवेन्यू शेयरिंग की सर्वाधिक बोली लगाई। टेक्निकली क्वालिफाइड बिडर्स की सूची में जेपीएल के अलावा जगन्नाथ कॉर्पोरेशन प्रोजेक्ट्स, पावर मेक प्रोजेक्ट्स, सिद्धिविनायक पावर एंड स्टील, श्याम स्टील एंड पावर, गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, एमबी पावर, रायगढ़ नेचरल रिसोर्सेस, एसजी एयर ट्रैवल, सुधा बायो पावर, किनेता ग्लोबल, ओपीजी पावर, एस्सार कंस्ट्रक्शंस, जेएसडब्ल्यू स्टील और भारत एल्युमिनियम कंपनी भी थी। सबसे ज्यादा 15 कंपनियों ने इसी माइंस के लिए बोली लगाई थी लेकिन अंत में जेपीएल को ही सफलता मिली। इसके अलावा रायगढ़ की बनई, भालुमुड़ा, गारे पेलमा सेक्टर-1 ईस्ट नीलामी में शामिल है।
दो खदानें पहले ही जीत चुकी है कंपनी
कोल ब्लॉक ऑक्शन में जिंदल समूह ने अपनी पुरानी खदानों को वापस हासिल करने के लिए ही बिडिंग की है। अब तक गारे पेलमा 4/1, गारे पेलमा 4/6 माइंस को हासिल करने में कामयाबी पाई है। अब गारे पेलमा 4/2 व 4/3 को भी हासिल कर लिया गया है। इस के अलावा ओडिशा की कुछ खदानें भी जिंदल ग्रुप में पाई हैं। फिलहाल यह माइंस एसईसीएल की कस्टडी में उत्पादनरत है।
