रायगढ़। झारखण्ड के गिरिडीह स्थित पारसनाथ पर्वतराज को पर्यटन स्थल की सूची से बेदखल करने की आवाज अब रायगढ़ में भी उठने लगी है। इसी क्रम में दिगंबर जैन समाज ने भी बुधवार को कलेक्ट्रेट जाकर पीएम के नाम ज्वॉइंट कलेक्टर को आवेदन सौंपते हुए सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल की फेहरिस्त से बाहर करने की पुरजोर वकालत की है। दिगंबर जैन समाज, रायगढ़ का प्रतिनिधि मंडल बुधवार को कुछ अहम विषय को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। उन्होंने 20 जैन तीर्थकरों और अंनत संतों के मोक्षस्थल सम्मेद शिखर के पहचान की कायम रखने और पर्यटन स्थल की सूची से बाहर करने मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नाम जिलाधीश श्रीमती रानू साहू की अनुपस्थिति में संयुक्त कलेक्टर डीआर रात्रे को आवेदन दिया।
दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष राजेश जैन ने बताया कि सम्मेद पर्वत यानी पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंर्तगत वन्य जीव अभ्यारण्य के एक भाग को तीर्थ माना जाता है। यही वजह है कि इसमें झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केन्द्र सरकार ने पर्यटन स्थल के लिए अधिसूचना को निरस्त करते हुए पारसनाथ पर्वतराज में मदिरा और नशे के काम को प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई गई है। चूंकि, इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर पूरे देशभर जैन समाज के लोगों विरोध प्रर्दशन किया जा रहा है। ऐसे में तीर्थस्थल पर सीआरपीएफ चेक पोस्ट, सीसीटीवी कैमरे और स्वास्थ्य सुविधाओं को जुटाने की मांग को लेकर सामाजिक लोग कलेक्ट्रेट गए।
इस दौरान दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष राजेश कुमार जैन के साथ सचिव अमित कुमार जैन, कोषाध्यक्ष संजय जैन, जयेश जैन, प्रदीप कुमार रानीवाला, अनल जैन, विधान चन्द्र गांधी, कमलेश जैन, महावीर जैन, विभा जैन, अलका जैन, वैशाली जैन, पूनम जैन, प्रियंका जैन, सोनिया शाह, उषा मेहता, सीमा जैन और प्रज्ञा समेत अन्य लोग भी शामिल थे।
