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Raigarh News : जेल काम्प्लेक्स की दुकानेें नहीं हो सकेंगी फ्री होल्ड, जमीन को लेकर फंस रहा पेंच, अब तक जेल प्रशासन के स्वामित्व में है यह जमीन.. जानिए पूरा मामला

रायगढ़। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत जूटमिल में बने जेल काम्प्लेक्स के दुकानदारों की परेशानी कम नहीं हो पा रही है। बार-बार निवेदन करने के बाद बिल्डिंग की मरम्मत नहीं हो पा रही है। ऐसे में अब उन्हें एक और बड़ा झटका लगा है। वह यह है कि उन्हें शासन की फ्री-होल्ड स्कीम का लाभ नहीं मिल पायेगा। वे अपने दुकान के मालिक नहीं बन पायेंगे क्योंकि इसमें काम्प्लेक्स की जमीन को लेकर पेंच फंस गया है।

प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों को फ्री-होल्ड का अधिकार दे दिया है। इसके तहत नगर निगम की ओर से निर्मित दुकानों में बरसों से किराये देकर अपनी दुकानदारी चला रहे व्यापारी इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं और दुकान को फ्री-होल्ड कराकर खुद उसके मालिक बन सकते हैं। फ्री होल्ड होने के बाद उन्हें दुकान का किराया नगर निगम को नहीं देना पड़ेगा बल्कि सिर्फ संपत्ति कर जमा करनी पड़ेगी।

इस स्कीम के लागू होने के बाद बरसों से नगर निगम के दुकानों में अपनी दुकानदारी चलाने वाले व्यापारियों में उत्साह व्याप्त है तो वहीं अब नगर निगम ने भी इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। कहां-कहां की दुकानें इस स्कीम के तहत आ सकती हैं और उन्हें फ्री-होल्ड किया जा सकता है, इसको लेकर जानकारी एकत्रित की जा रही हैं मगर इस बीच जेल काम्प्लेक्स की दुकानों को लेकर एक नया पेंच फंस गया है जिसके कारण यहां दुकान चलाने वालों को शासन की इस स्कीम का लाभ मिलता नहीं दिख रहा है जिसको लेकर दुकानदार काफी मायूस दिखने लगे हैं।

दरअसल, पूरा मामला काम्प्लेक्स की जमीन को लेकर फंस रहा है। यह कॉम्प्लेक्स जेल प्रशासन की जमीन पर बनी है मगर अब तक इसका स्वामित्व जेल प्रशासन के पास ही है। जबकि नगर निगम को उन दुकानों को ही फ्री होल्ड करने का अधिकार है जो कि उनके अधिकार क्षेत्र में है। ऐसे में जेल काम्प्लेक्स की जमीन के नगर निगम के आधिपत्य में नहीं होने के कारण यहां की दुकानें फ्री-होल्ड नहीं हो पायेंगी।

बीजेपी शासनकाल में बना काम्प्लेक्स
जूटमिल रोड पर जेल काम्प्लेक्स का निर्माण भाजपा शासनकाल में किया गया था। उस समय नगर निगम में काबिज बीजेपी के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने यह भी देखने की जहमत नहीं उठायी कि जमीन उनके स्वामित्व में है या फिर नहीं और कॉम्प्लेक्स का निर्माण करा दिया। इसके बाद जमीन को अपने आधिपत्य में लेने के लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी और न ही कोई प्रयास किया।

शासन से मांगने इसके लिए मार्गदर्शन
जमीन को लेकर पेंच फंसने के अब शहर सरकार इसके लिए राज्य शासन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगने की बात कह रही है। यदि शासन से अनुमति मिल जाती है तो उसके बाद दुकानदारों से आवेदन लेकर यहां की दुकानों को फ्री-होल्ड किया जा सकेगा। इसके बिना दुकानदारों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा।

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