रायगढ़, 17 जनवरी। सहारा से बेसहारा हुए दो पीडि़तों ने शहर के गांधी प्रतिमा के पास आमरण अनशन शुरू कर दिया है। खास बात यह है सहारा के खिलाफ अनशन पर 78 बरस के बुजुर्ग भी हैं जो कंपनी के आरोपियों की गिरफ्तारी और निवेशकों की रकम वापस नहीं होने तक आंदोलन करने का मूड बना चुके हैं।
सुर्खियों में छाए सहारा कंपनी द्वारा निवेशकों को लंबे समय से जमापूंजी की वापसी नहीं होने के मामले ने रायगढ़ में तूल पकड़ लिया है। दर्जनों ज्ञापन और विरोध के बाद पुलिस ने कंपनी मैनेजर के खिलाफ अपराध तो दर्ज किया है, मगर गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इधर प्रशासन ने निवेशकों की जानकारी जुटाई जरूर, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। ऐसे में इंतजार करते-करते निवेशकों की आस टूट रही है। सोमवार को गांधी प्रतिमा के पास दो निवेशक आमरण अनशन में बैठते हुए गिरफ्तारी और कंपनी से पैसे दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार सुबह 8 बजे से गांधी प्रतिमा के पास आमरण अनशन पर बैठे 78 वर्षीय रविशंकर दुबे और नरेश कंकरवाल बताते हैं कि सहारा इंडिया में में अंचल के हजारों लोगों की जीवनभर की गाढ़ी कमाई फंसी है। जमा रकम की मैच्योरिटी होने के बावजूद कंपनी पैसे नहीं लौटा रही है।
यही वजह है कि निवेशक लंबे समय से अलग-अलग तरीके से रूपए की मांग के लिए शासन को सूचनाएं भी दे रहे हैं। कुछ समय पहले प्रशासन द्वारा निवेशकों की जानकारी जुटाई गई। इसके बाद प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। इसी तरह दूसरे जिलों में कंपनी के मैनेजर के विरूद्ध अपराध दर्ज हुआ तो रायगढ़ में मामला बना तो मैनेजर फरार हो गया। चूंकि, सहारा से जुड़े लोग भी पैसे मिलने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे पा रहे हैं, इसलिए पीडि़तों परेशानी बढ़ गई है। बहरहाल, जिला और पुलिस प्रशासन को ज्ञापन देकर निवेदन करने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो वयोवृद्ध रविशंकर दुबे और नरेश कंकरवाल अब एसपी ऑफिस के पास स्थित गांधी प्रतिमा के सामने आमरण अनशन में बैठकर निवेशकों के डूब पैसे लौटाने और मुल्जिमों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
