जगदलपुर में पदस्थापना के दौरान सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं देने का मामला
रायगढ़। शासकीय धन के व्यय से संबंधित आवेदन पर सूचना के अधिकार के तहत समय सीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में राज्य सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी वनमंडल जगदलपुर व वर्तमान पदस्थापना वनमंडल अधिकारी स्टायलो मंडावी को चार प्रकरणों में १ लाख रुपये की पेनाल्टी अधिरोपित किया है।
अपने आदेश में सूचना आयोग ने कहा है कि जो सूचना चाही गई थी वह सूचना शासकीय धन के व्यय से संबंधित थी जो कि सूचना का अधिकार अधिनियम के मूल उद्देश्य पारदर्शिता व जवाबदेही के अनुकूल थी। पूरा मामला डीएफओ स्टायलो मंडाली के जगदलपुर वनमंडल में पदस्थापना काल का है। आवेदक ने सूचना के अधिकार के तहत ४ आवेदन लगाकर एक फर्म को सामग्री क्रय करने के एवज मे किये गए २ करोड़ से अधिक का भुगतान, सामग्री का उपयोग किन कार्यों में किया गया, भुगतान क्रय सामग्री की फाइल व जगदलपुर वनमंडल में पूर्व पदस्थ रहे अधिकारी के चेक ड्रान रजिस्टर की छायाप्रति चाही थी।
सूचना ना मिलने पर प्रथम अपील दायर की गई उसके बाद भी जानकारी नहीं मिलने पर द्वितीय अपील दायर की गई। ऐसे मेें प्रकरण पर सुनवाई पूरी करने के बाद गत दिवस छत्तीसगढ़ सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल ने जन सूचना अधिकारी द्वारा आवेदनों के निराकरण को विधि सम्मत नहीं पाया और तत्कालीन जनसूचना अधिकारी वनमंडल अधिकारी जगदलपुर वर्तमान पदस्थापना वनमंडल अधिकारी रायगढ़ स्टायलो मंडावी पर प्रत्येक प्रकरण में २५ हजार रुपये की पेनाल्टी अधिरोपित किया है।
यहां भी बनी हुई है वही स्थिति
सूचना का अधिकार प्रदेश के वन अफसरों पर लगातारी भारी पड़ रहा है। जिला चाहे कोई भी वनमंडल में सूचना के अधिकार के तहत लगे आवेदनों में जानकारी उपलब्ध कराने में आना-कानी की जाती है। सूचना आयोग ने रायगढ़ डीएफओ पर उनके जगदलपुर पदस्थापना के दौरान लगाये गए आवेदनों पर यह फैसला सुनाया है जबकि रायगढ़ में पदस्थापना के बाद भी अधिकारी का सूचना के अधिकार को लेकर वही रवैय्या बना हुआ है। आवेदनों पर जानकारी नहीं दी जा रही है और आवेदक अपील करने को बाध्य हो रहे हैं।
