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भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच ने दुबके सटोरियों को दी संजीवनी

आईटी रेड के बाद रायपुर में हुए क्रिकेट मैच ने नगर के सटोरियों के नुकसान की कर दी भरपाई

सक्ती। भारत न्यूजीलैंड का मैच जहां प्रदेशवासियों के लिए रोमांचक रहा, वहीं नगर के सटोरियों के लिए कमाई का एक बड़ा साधन भी रहा। बता दें कि नगर में बड़े आईटी रेड के बाद यह ऐसा पहला अवसर रहा जब सटोरियों के लिए बड़ा त्यौहार के रूप में आया। जहां लोग भारत और न्यूजीलैंड मैच का लुत्फ उठा रहे थे, वहीं नगर के कुछ सटोरिए इसे नए अंदाज में कमाई का जरिया बनाए हुए थे। बता दें कि कुछ युवा सटोरिए तो सीधे ग्राउंड से अपनी पैसों की भूख मिटा रहे थे तो वहीं कुछ सटोरिए खुलकर हर बाल में पैसा लगवा रहे थे। प्रदेश सरकार द्वारा रायपुर, दुर्ग भिलाई में तो महादेव एप्प पर शिकंजा कसने बड़ी-बड़ी कार्रवाई कर रही है लेकिन सक्ती के बड़े सटोरियों पर कार्रवाई करने से बचती रहती है।

बता दें कि नगर के सट्टा खाईवालों की पकड़ और पहुंच काफी ऊपर तक है। वहीं चुनावी खर्च से लेकर राजनीतिक कार्यक्रमों का प्रबंधन भी सक्ती से होने की बातें भी समय समय पर आती रहती हैं, यही कारण है कि नगर के सटोरियों के प्रबंधन के आगे पूरा सिस्टम नतमस्तक हुआ बैठा है। एक समय था जब सटोरियों, जुआरियों को हीन भावना से देखा जाता था और आज नगर में यही सटोरिए और जुआरी नगर की किस्मत लिखते नजर आते हैं। बड़े ही आदर और सत्कार के साथ इस सटोरियों को बड़े-बड़े ओहदे के लोग खड़े होकर सम्मान देते नजर आते हैं।

बता दें कि एक ओर भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मैच में भारत ने जीत हासिल की और देश का मन बढ़ाया। दूसरी ओर नगर के सटोरियों ने इसे अपनी काली करोड़ों की कमाई का जरिया बना लोगों को खूब लूटा। नगर में यह भी चर्चा है कि कुछ सटोरियों ने यह भी अफवा उड़ाया की इस मैच की बिसात सटोरियों द्वारा लिखी जाएगी, जबकि खिलाड़ी खेल भावना से खेल रहे थे। लोगों ने उन सटोरियों की बातें भी मानी क्योंकि कुछ सटोरिए मैच की स्थिति के लिए ग्राउंड के प्रथम पंक्ति में भी बैठे दिखाई दिए। कह सकते हैं कि अपनी चकाचौंध दिखा लोगों से खूब पैसे लगवाए और मोटी रकम अंदर किए। नगर में चर्चा थी कि आईटी रेड के बाद सटोरिए दुबक गए हैं, लेकिन यह मैच उन सटोरियों के लिए वरदान बनकर आया जो थोड़े डर से दुबके बैठे थे।

वहीं इस मैच में अब तक का सट्टे के इतिहास का सबसे बड़ा दांव भी लगा था, जो सट्टा को लेकर काफी चर्चा का विषय बना हुआ था। बता दें कि नाम के लिए और लोगों का सट्टे से ध्यान भटकाने के लिए कुछ दिनों तक बड़े सटोरिए शांति का ढोंग करते रहे, लेकिन यह मैच उन सभी ढोंगों से पर्दा भी उठा दिया। अब कोई यह नहीं कह सकता कि सक्ती नगर के सट्टा के सरताजों ने अपने ताज उतार दिए हैं, क्योंकि रायपुर में खेले गए इस क्रिकेट मैच से सटोरियों के मन की चाहत पूरी हुई और दुबक के खेला रहे समय की भरपाई भी यह मैच कर गई।

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