कोयले और जमीन खरीदी से जुड़े कई सनसनीखेज दस्तावेज मिले, रायगढ़ के अलावा पांच और जिलों में पहुंची टीमें
रायगढ़। छग में कोयले के कारोबार में हाथ काले कर चुके कारोबारियों का पीछा ईडी और आईटी कर रही है। एक छापे को चंद दिन भी नहीं बीतते कि दूसरी कार्रवाई हो जाती है। बुधवार को रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई, रायपुर, कवर्धा, जशपुर आदि जिलों में एक साथ छापेमारी की गई। इस बार आयकर विभाग और ईडी दोनों की टीमों ने छापेमारी की। रायगढ़ में एनआर इस्पात के डायरेक्टर संजय अग्रवाल के करीब छह ठिकानों समेत कुल 12 जगहों पर कार्रवाई की गई।
छत्तीसगढ़ में कुछ दिनों तक शांति के बाद एक बार फिर इन्कम टैक्स की रेड से खलबली मच गई है। आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने कई शहरों में एक साथ छापेमारी की है। रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई, रायपुर, कवर्धा और जशपुर में छापेमारी होने की जानकारी मिली है। कोयला, इस्पात और ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़े कारोबारियों के ठिकानों पर रेड पड़ी है। कोयले के कारोबार में हुई गड़बड़ी के बाद एक से दूसरी कड़ी जुड़ती चली गई है। बीते दिनों छग में आयकर और प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने कोयले में अवैध उगाही के सुनियोजित तंत्र पर कार्रवाई की थी। इस दौरान ऐसी कई जानकारियां और दस्तावेज मिले जिसकी विवेचना की गई।
एक-एक दस्तावेजों का एनालिसिस किया गया, जिसमें कई नए मोहरे सामने आए हैं। अवैध कोयला खपाने, उत्पादन में भी फाल्स रिपोर्टिंग, अवैध वसूली, ब्लैक मनी से जमीन खरीदी समेत कई इनपुट मिले थे। बुधवार को उन्हीं जानकारियों के आधार पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। भिलाई, रायपुर, बिलासपुर और जबलपुर से आए अधिकारियों ने एनआर इस्पात के डायरेक्टर संजय अग्रवाल के घर, दफ्तर, दो प्लांट समेत छह ठिकानों पर कार्रवाई। उनके एकाउंटेंट गोपाल शर्मा के सतीगुड़ी चौक स्थित मकान में भी कार्रवाई की गई। इसके अलावा जिंदल टेक्सटाइल के सुनील जिंदल, सतीश जिंदल के गौशाला रोड व फ्रेंड्स कॉलोनी, बाबा ट्रांसपोर्ट के मालिक राकेश शर्मा के गजानंदपुरम निवास, विशाल अग्रवाल रुक्मणी विहार में छापेमारी की गई। इसके अलावा जय अंबे कोल ट्रांसपोर्ट के मालिक जोगिंदर सिंह और रिंटू सिंह के रायपुर स्थित निवास पर भी छापेमारी की गई। रामगोपाल अग्रवाल के रायपुर स्थित 104 लॉ-विस्टा सोसाइटी में भी इनकम टैक्स की टीम पहुंची।
सब कुछ कोयले से जुड़ा
बताया जा रहा है कि कुछ महीनों पहले ही छग शासन के साथ नया प्लांट लगाने एमओयू किया गया था। इसमें करीब 43 सौ करोड़ के निवेश की खबरें प्रमुखता से सामने आई थी। तब से यह उद्योग समूह आयकर विभाग की नजर में था। आईटी और ईडी की पिछली कार्रवाई में मिले दस्तावेजों की पड़ताल में कई ऐसी जानकारियां मिली हैं जो संदेहास्पद थी। इसमें कोयले के कई बिल भी मिले हैं जिनमें कई नाम सामने आए हैं। कोयले की खरीदी-बिक्री और भुगतान से संबंधित इन जानकारियों से बहुत बड़े मामले का खुलासा हुआ। बुधवार सुबह से ही आयकर अधिकारियों ने सभी ठिकानों में दबिश दी।
जीएसटी घपले में फंसा था, अब आईटी ने धरा
बाबा ट्रांसपोर्ट के संचालक गजानंदपुरम निवासी राकेश शर्मा को इससे पहले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस ने भी पकड़ा था। नवंबर 2020 में फर्जी फर्मों के जरिए 230 करोड़ के कोयले का कारोबार दिखाकर 38 करोड़ के इनपुट टैक्स क्रेडिट अवैध लाभ उठाया गया था। इसमें राकेश शर्मा और नरेश इसरानी को गिरफ्तार किया गया था। फर्जी फर्म बनाकर कोयले की ट्रेडिंग की जाती थी और उस पर आईटीसी का लाभ लिया जाता था। दोनों फर्जी फर्म के नाम का इस्तेमाल कर घपला करते थे। कोई भी फर्म वास्तव में थी ही नहीं। लॉकडाउन के दौरान भी इनकी फर्म से कोयला परिवहन के बिल जेनरेट किए गए। फेक आईडी के जरिए बनाई राकेश ने तीन फर्म बनाई थी जबकि नरेश के नाम पर 20 से ज्यादा फर्म मिली। ये दिसंबर-जनवरी तक कारोबार दिखाकर मार्च में क्लोज कर देते थे। जांच के दौरान राकेश शर्मा के पास से नौ करोड़ रुपए नकद भी जब्त किए गए थे।
कुनकुरी के कारोबारी का भी कोयले से लिंक
कोयले के कारण पूरे छग में ऐसे-ऐसे कांड सामने आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक आईटी की टीम ने जिंदल टेक्स्टाइल के सुनील जिंदल के यहां भी छापेमारी की है। इनका मकान फ्रेंड्स कॉलोनी में है। गौशाला रोड पर विशाल कॉम्पलेक्स है। बताया जा रहा है कि मूलत: कुनकुरी के कारोबारी कोयला परिवहन से जुड़े हुए हैं। कई बिलों में इनका भी नाम है। कोयला परिवहन के काम में कई बार संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ है।
सक्ती में आधा दर्जन कारोबारी सपड़ाए
इन्कम टैक्स विभाग की टीम ने बिलासपुर में तेंदूपत्ता व्यापारी बजरंग अग्रवाल, बनवारी अग्रवाल के घर में भी छापा मारा है। दोनों व्यापारियों के ऑफिस और घर में एक साथ तलाशी चल रही है। इनका राइस मिल और रियल स्टेट का बिजनेस है। इधर सक्ती में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कांग्रेस नेता श्यामसुंदर अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि कांग्रेस नेता आनंद अग्रवाल, अनुराग कपड़ा दुकान के संचालक कमलेश अग्रवाल, स्टाम्प वेंडर जगदीश बंसल, प्रियंका मोबाइल दुकान के संचालक राहुल अग्रवाल, अनिल अग्रवाल और सत्यविद्या ज्वेलर्स के संचालक अरुण अग्रवाल के यहां ईडी की कार्रवाई जारी है। बताया जा रहा है कि भारी लेन-देन में इनके नाम भी सामने आए हैं। पेट्रोल पंप, रियल एस्टेट समेत कई कारोबार में इनके नाम हैं। आनंद अग्रवाल को विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत का खास समर्थक माना जाता है।
