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बायोमीट्रिक से धान खरीदी तो राशि भुगतान में भी कसावट

  • आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम आया तो घोटालेबाजों की मुश्किल बढ़ेगी

रायगढ़, 2 अक्टूबर। इस बार केंद्र सरकार ने सहकारी समितियों में बायोमीट्रिक सिस्टम से धान खरीदी करने का आदेश दिया है। इससे समिति प्रबंधकों की हालत खराब है। दरअसल इसके बाद आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम लागू होना है। इसके बाद समिति स्तर में होने वाली गड़बड़ी काफी हद तक रुक जाएगी। समितियों में धान खरीदी के गंभीर मामला है। प्रबंधकों और बिचौलियों के कारण धान खरीदी में घोटाले होते जा रहे हैं। इसलिए अब कसावट के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। इस बार धान खरीदी में बायोमीट्रिक डिवाइस की मदद ली जाएगी। भूमिस्वामी किसान को ही समिति में जाकर धान बेचना पड़ेगा। अन्यथा नॉमिनी का पंजीयन कराना पड़ेगा। जिसका पंजीयन होगा बायोमीट्रिक पहचान भी उसी का स्वीकार होगा। इसलिए इस बार धान खरीदी बहुत रोचक होने वाली है।

समति प्रबंधकों और बिचौलियों को गड़बड़ी करने के रास्ते बंद किए जा रहे हैं। अब तक किसान के समिति में पहुंचे बिना ही उसके रकबे पर धान बेच लिया जाता था। फर्जी तरीके से धान की एंट्री की जाती थी। इसलिए अंत में भारी शॉर्टेज आता था। धान की कमी की भरपाई के लिए बाहर से धान भरवाया जाता था। किसी भी स्थिति में समिति के खिलाफ प्रकरण नहीं बनाया जाता था। खाद्य विभाग और सहकारिता विभाग ही समिति प्रबंधकों को धान खरीदकर भरने के लिए दबाव बनाते हैं। फर्जी खरीदी किए गए धान की भी भरपाई करवाकर इसे वैध बना लिया जाता है। इसे रोकने के लिए ही बायोमीट्रिक लाया गया है। अब किसी भी रकबे पर धान बेचने के लिए उस किसान को अंगूठा लगाने आना पड़ेगा।

पेमेंट सिस्टम भी बदलेगा

अब धीरे से आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम भी चलेगा। मतलब आधार, बैंक एकाउंट और धान खरीदी का डाटा मिसमैच नहीं होना चाहिए। जिस आधार नंबर पर धान बेचा जाएगा, वही बैंक में भी दर्ज होना चाहिए। तभी धान खरीदी पूरी होगी। कई बिचौलिए किसान के नाम पर बेचे गए अतिरिक्त धान पर पेमेंट खुद आहरित कर लेते थे। अब इसे भी रोका जाएगा।