डीएल व अन्य कामों के लिए अब आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति
रायगढ़। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से लेकर पंजीयन व नाम ट्रांसफर कराने महीनों तक आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होने वाले वाहन चालकों के लिए एक राहत भरी खबर है। आरटीओ ने जिलेभर में ८ परिवहन सुविधा केन्द्रों के लिए आईडी जारी कर दिया है। ऐसे में अब उन्हें लाइसेंस संबंधी काम के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि अपने ही ब्लाक में जाकर वे आसानी के साथ लाइसेंस बनवा सकेंगे।
लर्निंग लाइसेंस से लेकर परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए न जाने आम लोगों को न जाने कितने बार परिवहन विभाग दौडऩा पड़ता है, आरटीओ एजेंडों की जी-हुजूरी करनी पड़ती है और पांच से सात हजार रुपये तक खर्च करने पड़ जाते हैं। इसके बाद ही कहीं जाकर तीन से चार महीने में उनका काम हो पाता है और उनका ड्राईविंग लाइसेंस बन पाता है क्योंकि भले ही प्रशासन चाहे जितने भी दावे कर ले कि आरटीओ दफ्तर की व्यवस्था सुधर गई है और आम जनता के काम आसानी के साथ होते हैं मगर सच्चाई यह है कि बरसों से यहां कायम एजेंट राज अब तलक कायम है।
यहां बिना आरटीओ एजेंट्स के आम जनता का काम होना संभव ही नहीं रहता। यही वजह है कि आम लोगों की इस समस्या को देखते हुए प्रदेश शासन ने प्रदेशभर में परिवहन सुविधा केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिला परिवहन विभाग ने भी जिले भर में २४ परिवहन सुविधा केन्द्र खोले जाने की प्लानिंग की थी। इसमें नवगठित सारंगढ़ जिला भी शामिल है। इसके बाद विभाग ने १५ केन्द्रों के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। विभाग की मानें तो इनमें से ८ परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्वीकृति मिल चुकी है जिसके बाद आरटीओ ने इन सभी केन्द्रों के लिए आईडी भी जारी कर दिये हैं। ऐसे में अब बहुत जल्द इन सभी सुविधा केन्द्रों में जाकर लोग अपने वाहन संबंधी कार्य ड्राईविंग लाइसेंस, पंजीयन, नाम ट्रांसर्फर जैसे काम आसानी के साथ करा सकेंगे। इस काम के लिए उन्हें बार-बार आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें राहत के साथ ही सुविधा भी मिलेगी।
रायगढ़ और पुसौर में केन्द्र शुरू
परिवहन विभाग की मानें तो जिन ८ परिवहन सुविधा केन्द्रों के लिए आईडी जारी किए गए हैं उनमें से रायगढ़ और पुसौर के २ केन्द्रों में सेंटर खुल भी गए हैं और काम भी शुरू हो गया है जबकि बाकी ६ केन्द्रों का काम भी सप्ताहभर के अंदर शुरू हो जाने की बात कही जा रही है। विदित हो कि आरटीओ की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के तहत जिला मुख्यालय में ही ६ परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना की जानी है। इसमें एक सेंटर तो खुल गया है। बाकी केन्द्रों के भी जल्द अस्तित्व में आ जाने की बात कही जा रही है। इसके बाद जिला मुख्यालय में भी आरटीओ पर दबाव कम होगा।
सेंटरों की टीम करेगी मॉनिटरिंग
विभागीय अधिकारी की मानें तो परिवहन सुविधा केन्द्रों की लगातार मॉनिटरिंग की जायेगी ताकि लाइसेंस जारी करने सहित अन्य कार्यों में किसी तरह की गलती न हो सके। इसके लिए आरटीओ इंस्पेक्टर समय-समय पर सुविधा केन्द्रों का निरीक्षण भी करेंगे और वहां के कामकाज को देखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी देते रहेंगे। इसमें इस बात का खास ख्याल रखाा जायेगा कि इन सेंटरों में दस्तावेज बनाने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स लिये जा रहे हैं या फिर नहीं।
