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Home | Raigarh News : ईडब्ल्यूएस की जमीन पर कैसे बनी रोड? श्रीराम कॉलोनी ने दी थी ओम हाईट्स के बगल में जमीन, खसरा नंबर आठ में बनी रोड, कुछ हिस्से में अवैध कब्जा

Raigarh News : ईडब्ल्यूएस की जमीन पर कैसे बनी रोड? श्रीराम कॉलोनी ने दी थी ओम हाईट्स के बगल में जमीन, खसरा नंबर आठ में बनी रोड, कुछ हिस्से में अवैध कब्जा

रायगढ़। नगर निगम में एक से एक किस्से होते हैं। अब रायगढ़ जो मामला सामने आया है उसमें बड़ी गड़बड़ी की गई है। एक निजी कॉलोनी के बदले में पास की एक दूसरी जमीन ईडब्ल्यूएस के लिए दी गई थी। अब जमीन पर रोड बन चुकी है। सवाल यह है कि जमीन पहले मिली या रोड पहले बनी। दोनों ही स्थितियों में नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठ हैं रहे हैं।

मामला स्टेडियम के पीछे बनी श्रीराम कॉलोनी का है। कॉलोनाइजर ने 2,82,230 वर्गफुट पर लेआउट पास करवाया था। खसरा नंबर 8, 12, 26, 27 और 28 के 2.622 हे. में विकास अनुज्ञा ली गई थी। वर्ष 2006 में कॉलोनाईजर सावित्री देवी, पृथ्वीपाल और शारदा मोहन को कॉलोनी बसाने की अनुमति शर्तों के तहत दी गई थी। कॉलोनी के अंदर ही ईडब्ल्यूएस के लिए जमीन न देकर थोड़ी सी दूर पर खसरा नंबर 8 की जमीन को नगर निगम को दिया गया। कॉलोनी के लिए नगर निगम में सारे नियम शिथिल कर दिए गए। कॉलोनाइजर ने जो जमीन ईडब्ल्यूएस के लिए दी गई थी, वह गायब हो चुकी है। इस भूमि पर रोड बन गई है। थोड़ी सी जमीन रोड किनारे बची है। 42265 वर्गफुट जमीन में से कितनी बची है, यह नगर निगम को भी नहीं पता है।

बताया जा रहा है कि 42265 वर्गफुट में से ज्यादातर जमीन पर कांक्रीट रोड बनाई जा चुकी है। यह रोड भी नगर निगम ने ही बनवाई है। गरीबों के लिए मकान बनाने के लिए जो भूमि निगम को मिली थी, वह रोड में कैसे आ गई। कॉलोनी के अंदर जमीन न देकर वहीं पास की दूसरी जमीन क्यों ली गई है सवाल यह है कि बोईरदादर से खर्राघाट पुल की ओर जाने वाली रोड पहले बनी या जमीन पहले आवंटित हुई। अगर जमीन पहले आवंटित की गई तो इस पर रोड कैसे बन गई। नगर निगम के कर्मचारियों ने किस तरह साजिश कर इस काम को अंजाम दिया, यह भी सामने आएगा।

एसडीएम की जांच से खुला मामला
यह मामला फाइलों में दब गया था। ओम हाईट्स के बगल में करीब सवा एकड़ भूमि पर अवैध प्लॉट कटने की जांच जब एसडीएम ने शुरू की तो यह प्रकरण सामने आ गया। दरअसल अवैध प्लॉटिंग वाली जमीन खसरा नंबर 8 से लगी हुई है। इसमें 13 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है। ईडब्ल्यूएस की जमीन पर रोड के अलावा कुछ लोगों ने अतिक्रमण भी कर लिया है।

कई तरह की गड़बड़ी आएगी सामने
अवैध प्लॉटिंग के इस मामले में कई नई कहानियां सामने आएंगी। कई निगमकर्मियों की कारस्तानी भी पता चलेगी। दो पटवारियों की भूमिका भी संदेहास्पद है। अवैध प्लॉटिंग के अलावा जमीन आवंटन के दौरान सही जानकारी नहीं दी गई। श्रीराम कॉलोनी में भी कई तरह की मनमानी की गई है।