जागरूक होकर डेंगू का इलाज कराने की जरूरत : मलेरिया अधिकारी डॉ. कुलवेदी
रायगढ़। डेंगू की रोकथाम के लिए पूरे जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम, एहतियाती कदम और लार्वा को नष्ट करने के लिए तमाम जतन किये जा रहे हैं। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों को रोकने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहे है।
नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर में पानी जमा नहीं होने देने के बारे में लोगों को जागरूक कर रही हैं। अमूमन पानी घर के छोटे–छोटे बर्तन, छत, खाली टंकी, गाय के लिए बने हौदी में जमा होता है यहीं डेंगू के लार्वा मिलने की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। यदि लार्वा मिलता है तो टेमिफास्ट का घोल, जला मोबिल डालकर लार्वा को समाप्त कर उस पानी को जमीन में डाला जाता है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. टीजी कुलवेदी ने बताया: “ नवंबर महीने तक डेंगू का खतरा रहता है। हाल ही में दो लोगों की एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस साल अभी तक कुल 14 लोगों को डेंगू हुआ है जिनमें से 12 लोग ठीक हो चुके हैं। लोगों को डेंगू के प्रभावों के प्रति जागरूक करते हुए इससे बचाव के उपाय अपनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। अचानक सिर में तेज दर्द, बुखार, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, उल्टी आना, त्वचा पर चकते उभरना आदि डेंगू के लक्षण हैं। डेंगू का इलाज का घर संभव है इसमें मरीज को जैसे लक्षण होते हैं उसके आधार पर दवा दी जाती है। अति गंभीर स्थिति यानी रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा 50,000 से कम हो जाए तब अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक है। सामान्य तौर पर 1.5 से 4.5 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू या अन्य किसी बीमारी के मामले में घबराने की जरूरत नहीं है। जागरूक होकर इलाज कराने की जरूरत है। बुखार का सही तरीके से इलाज कराएं, डेंगू की जांच करा लेनी चाहिए ताकि स्थिति स्पष्ट हो जाए।”
नगर निगम के सफाई दारोगा अरविंद द्विवेदी कहते हैं: “डेंगू के मच्छर का लार्वा पनपने के लिए एक चम्मच साफ पानी ही काफी है, इसलिए सभी को साफ पानी के जमाव से सतर्क रहना होगा। हम लोगों के घर-घर जा रहे हैं और उन्हें जागरूक कर रहे हैं। डेंगू होने की संभावना बरसात की शुरुआत से दीवाली के बाद तक बनी रहती है। डेंगू व मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें साथ ही पूरी आस्तीन का कपड़ा पहने, मच्छरों से बचने वाली अगरबत्ती का प्रयोग करें, जहां गड्ढों में पानी जमा होता है उसे मिट्टी से भर कर समतल करा दें। कूलर, फ्रीज, गमला, छत पर फेके गए टायर आदि में साफ पानी न इकट्ठा होने दें।”
सप्ताह में एक दिन मनाए ड्राई डे: संजय देवांगन
नगर निगम की शहरी सरकार में सफाई मंत्री संजय देवांगन ने बताया: “ शहरी क्षेत्र में सफाई को लेकर निगम सजग है। रूटीन सफाई के अलावा जहां भी कचरा और नाली जाम की शिकायत मिलती है हम तुरंत एक्शन मोड में आते हैं। डेंगू का खतरा अभी टला नहीं है ऐसे में सभी लोगों से अपील है कि वह सप्ताह में एक दिन ड्राई डे के रूप में मनाएं, इस दिन घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से साफ कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता है, उसे जरूर साफ करें, क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडिज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर में प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें, एसी के साफ एकत्रित पानी में भी डेंगू फैलाने वाले मच्छर पैदा होते हैं जिस पानी को निकालना संभव न हो उसमें काला तेल या डीजल डाल सकते हैं जिससे मच्छरों की उत्पत्ति न होने पाए।”
अधिक जागरूक होने की जरूरत : सीएमएचओ डॉ. ठाकुर
सीएमएचओ डॉ. मधुलिका सिंह ठाकुर ने बताया, “संचारी रोगों का व्यवहार परिवर्तन से गहरा संबंध है। डेंगू भी इसी प्रकार की बीमारी है। अगर समुदाय अपना व्यवहार बदले तो इस बीमारी पर अंकुश लगाया जा सकता है। डेंगू की रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाने होंगे। साफ पानी का जमाव रोकना होगा और मच्छरों की ब्रीडिंग साइट्स नष्ट करनी होगी। नवंबर तक संचारी रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि का खतरा बना रहता है और इस समय बारिश भी रूक-रूककर हो रही है, इस लिहाज से समुदाय को इन बीमारियों के प्रति संवेदीकृत करना बेहद आवश्यक है।”
डेंगू को जानिए
· प्लेटलेट का कम होना हमेशा डेंगू नहीं होता है।
· समय से चिकित्सालय पहुंचने पर डेंगू जानलेवा रूप नहीं धारण करता।
· चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण एक तरह के होते हैं। चिकित्सकीय जांच के बाद ही पता चल सकता है कि मरीज को डेंगू या चिकनगुनिया।
· चिकनगुनिया के खतरनाक अवस्था में शरीर झुक जाता है और वह कभी ठीक नहीं होता।
· डेंगू और चिकगुनिया एक ही प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है और दोनों बीमारियों के मच्छर दिन में काटते हैं।
· मच्छरों से बचाव कर हम चिकनगुनिया और डेंगू समेत सभी मच्छरजनित रोगों पर अंकुश पा सकते हैं।
