सांगीतराई में शिकायत के बाद सीमांकन पूरा, कुछ सरकारी जमीन पर जांच बाकी
रायगढ़, 1 मार्च। सांगीतराई में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में सीमांकन किया गया है। कुछ खसरा नंबरों की जांच में पाया गया कि वहां घास मद के अलावा श्मशान की भूमि को भी कब्जा लिया गया है। करीब दस लोगों के अतिक्रमण की जानकारी सामने आई है। इसमें शहर के कुछ कारोबारी भी हैं। बीते 9 फरवरी को वार्ड 36 और 37 के रहवासियों ने शिकायत की थी कि खनं 325, 324/1, 323/1 राजस्व अभिलेखों में छोटे बड़े झाड़ के जंगल व घास भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। सार्वजनिक रोड को भी कब्जा लिया गया है। वहीं खनं 323/3 कब्रिस्तान के लिए आरक्षित भूमि पर भी अतिक्रमण हो गया है। बुधवार को नायब तहसीलदार रायगढ़ के आदेश पर राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों की टीम ने सीमांकन किया।
खनं 324/1 में से 0.930 हे. घास मद की भूमि पर दिनेश कलानोरिया का 0.074 हे., विजय राजपूत का 0.023 हे., श्यामलाल यादव का 0.035 हे., गौरीदेवी पति डेरिहा का 0.013 हे., पप्पू सिंह का 0.016 हे., श्यामलाल पटेल का 0.009 हे., राधेश्याम अग्रवाल का 0.567 हे. और खनं 323/1 रकबा 0.325 हे. और खनं 323/3 श्मशान भूमि पर अरुण गुप्ता, खनं 325 रकबा 0.186 हे. के आंशिक रकबा 0.077 हे. पर श्यामलाल अग्रवाल ने अहाता घेरकर मकान निर्माण कर लिया है। खनं 326/15, 326/16, 326/17 भूमि स्वामी सौरभ अग्रवाल की की भूमि पर तथा खनं 325 की भूमि पर विनोद पटेल ने बाउंड्रीवॉल बना दी है। इससे एनएच तक पहुंच मार्ग बंद हो गया है।
सरकारी जमीन पर और भी हैं कब्जे
यह सीमांकन वार्डवासियों की शिकायत पर किया गया है। इसके अलावा तहसीलदार के आदेश पर सांगीतराई में 20 एकड़ सरकारी जमीन को भी अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई की जा रही है। मूल खसरा नंबर 320 के खनं 320/1 रकबा 3.93 हे., खनं 320/3 रकबा 3.33 हे. और खनं 320/14 रकबा 0.28 हे. सरकारी जमीन पर करीब 41 लोगों का कब्जा पाए जाने की जानकारी है, लेकिन इसका विस्तृत सीमांकन नहीं हो सका है। इन्हें स्टाम्प पर लिखकर जमीन बेच दी गई है। इस मामले में कार्रवाई बाकी है।
