हावड़ा-मुंबई रूट में मालगाडिय़ां बन रही ट्रेनों की लेटलतीफी का कारण, खामियाजा भुगत रहे मुसाफिर
रायगढ़। त्यौहारी सीजन में कैंसिल हुई ट्रेनें तो पटरी पर लौट आयी हैं मगर अब तक सफर आसान नहीं हो सका है। ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को रोज परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर हावड़ा रूट में यह परेशानी सबसे ज्यादा बनी हुई है। इसके पीछे मालगाडिय़ों का परिचालन ही मुख्य वजह बतायी जा रही है। मालगाडिय़ों को पासिंग देने के लिए यात्री ट्रेनों को घंटों रोक दिया जा रहा है।
ट्रेनों कीलेट लतीफी से जनता बहुत परेशान है। बात चाहे झारसुगुड़ा से रायगढ़ के बीच की हो या फिर रायगढ़ से बिलासपुर के मध्य की। दो से तीन घंटे का रास्ता तय करने के लिए ३ से ४ घंटे लग रहे हैं क्योंकि अब भी रेलवे की पहली प्राथमिकता मालगाडिय़ों का परिचालन ही बना हुआ है। यही वजह है कि यात्री ट्रेनों को बीच रास्ते में रोककर मालगाडिय़ों को पासिंग दी जा रही है। इसकी वजह से ट्रेनें लगातार घंटों विलंब से चल रही हैं। मंगलवार को भी आजाद हिंद, उत्कल सहित कई ट्रेनें घंटों विलंब से रायगढ़ पहुंचकर गंतव्य को रवाना हुई।
एक स्थान पर तो ट्रेन को रोककर वहां से 6 मालगाडिय़ों को पासिंग दी गई। इस दौरान ट्रेन लगभग 2 घंटे खड़ी रही। कभी-कभी तो ऐसी जगह पर ट्रेन रोक दी जाती है कि यात्री पीने के पानी तक को तरस जाते हैं। खाने-पीने का सामान तो वहां पर मिलता ही नहीं है। अब यह तो स्पष्ट हो चुका है कि ट्रेनों का कैंसिलेशन और विलंब से चलने का एकमात्र कारण मालगाडिय़ों को बिना किसी व्यवधान के चलाकर उन्हें समय पर औद्योगिक इकाइयों और पावर प्लांट तक पहुंचाना है।
इसलिए प्रभावित हो रही हावड़ा रूट
जानकारों की मानें तो सबसे ज्यादा परेशानी हावड़ा रूट पर ईब और जामगा रेलवे स्टेशन के बीच होना बताया जा रहा है। ईब से कोयला लेकर कोई भी मालगाड़ी बिना दो इंजन के जामगांव रेलवे स्टेशन पार नहीं कर सकता है क्योंकि यह इलाका चढ़ाई वाला है। अक्सर यह हो रहा है कि मालगाड़ी को सिंगल इंजन में रवाना कर दिया जाता है जो कि रास्ते में ही दम तोडक़र खड़ी हो जाती है।
