Agriculture News: किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ अब देश में खेती के साथ-साथ मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई है। इस स्कीम से जुड़कर अब किसान भी मछली पालन की ट्रेनिंग और सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। कई राज्य सरकारें अपने स्तर पर मछली पालन को बढ़ावा दे रही हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार आगे आई है। इस क्षेत्र में बेहकर भविष्य की संभावनाओं को तलाशते हुए अब छत्तीसगढ़ सरकार ने अहम फैसला लिया है।
अब राज्य में मछली पालन से जुड़ी गतिविधियों को कृषि का दर्जा दिया गया है। ये छत्तीसगढ़ के मछली पालकों के लिए अच्छी खबर तो है ही, साथ ही अब किसान और दूसरे लोग भी अच्छी आमदनी के लिए मछली पालन क्षेत्र से जुड़ेंगे। इस काम में छत्तीसगढ़ प्रशासन किसानों, मछली पालकों और निजी निवेशकों की मदद करने के लिए तैयार है।
कृषि क्षेत्र में जुड़ा मछली पालन
देश में मछली पालकों की एक बड़ी आबादी है। एक तरह से देखा जाए तो मछली पालन कृषि क्षेत्र का पूरक ही है। छत्तीसगढ़ में अब किसानों और जनजातीय वर्ग की आय बढ़ाने के लिए इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। जांजगीर चांपा जिला में भी मछली पालन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के काम किया जा रहा है, जिससे रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं। इस जिले के तहत आने वाले विकासखंड बम्हनीडीह के नकटीडीह गांव में भी मछली पालक अमरीकाबाई, सौखीलाल टंडन और बाकी के दो सदस्य मछली पालन के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही लाखों किसानों और जनजातीय लोगों के लिए तरक्की के रास्ते खुल रहे हैं।
पट्टे पर तालाब लेकर पालें मछली
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जांजगीर चांपा जिला में महात्मा गांधी नरेगा के तहत तालाबों और डाबरियों का निर्माण करवाया गया था। तभी यहां मछली पालन की गतिविधियां बढ़ने लगी। इसके बाद मुनाफे की तलाश में किसानों और ग्रामीणों से इसे व्यवसाय के तौर पर शुरू करने का फैसला किया। नकटीडीह गांव में भी मछली पालक अमरीकाबाई, सौखीलाल टंडन समेत दूसरे लोगों ने साल 2020-21 में मछली पालन करने के लिए तालाब को 10 वर्षीय पट्टे पर बुक कर लिया। विभाग ने भी इस काम में इनकी मदद की और विभागीय योजना के अंतर्गत संचालित 10 दिवसीय तकनीकी मछुआ प्रशिक्षण देकर मछली पालन को और भी आसान बनाया।
क्या है छत्तीसगढ़ की नई मछली पालन नीति
21 नवम्बर को आयोजित विश्व मत्स्यिकी दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ को मछली पालन के क्षेत्र में योगदान के लिए बेस्ट इनलैंड स्टेट पुरस्कार दिया है। वहीं छत्तीसगढ़ की नई मछली नीति में संशोधन किए गए हैं, जो मछली पालन के क्षेत्र में क्रांति लाएंगे। इस नई नीति के मुताबिक, अब राज्य में मछली पालन के लिए तालाब और जलाशयों को नीलाम नहीं किया जाएगा।
1. तालाब और जलाशयों में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 10 साल की लीज पर देने का प्रावधान किया गया है।
2. इन पट्टों के आबंटन में ढीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता मिलेगी।
3. साथ ही, एससी-एसटी वर्ग के मछुआ समूहों और मत्स्य सहकारी समिति को भी आगे बढ़कर लाभ दिया जाएगा।
Disclaimer : खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
