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Home | Raigarh News : ग्राम पंचायत की सहमति के बिना राशि ट्रांसफर, धरमजयगढ़ में शौचालय घोटाले में कई खिलाड़ी, जांच में खुलेगा पिटारा, पूर्व जनपद सीईओ की भूमिका पर भी सवाल

Raigarh News : ग्राम पंचायत की सहमति के बिना राशि ट्रांसफर, धरमजयगढ़ में शौचालय घोटाले में कई खिलाड़ी, जांच में खुलेगा पिटारा, पूर्व जनपद सीईओ की भूमिका पर भी सवाल

रायगढ़। धरमजयगढ़ के शौचालय घोटाले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ग्राम पंचायत को आवंटित राशि उसकी सहमति के बिना ही दूसरे खातों में भेज दी गई। वहां भी इसकी बंदरबांट का प्लान पहले से तैयार था इसलिए किसी ने देखा ही नहीं कि शौचालय बने या नहीं। केंद्र सरकार ने गांवों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन लागू किया था। शौचालय विहीन घरों में बेसलाइन सर्वे के आधार पर 12 हजार रुपए प्रति हितग्राही सहायता राशि दी गई थी। इस अभियान को दीमक की तरह चट करने वालों में अफसर और कर्मचारी दोनों शामिल हैं। धरमजयगढ़ में दो करोड़ का जो घपला सामने आया है, उसमें कई लोगों की संलिप्तता है। पूर्व जनपद सीईओ आज्ञामणि पटेल ने चुनिंदा पंचायतों के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की थी।

जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर एक पंचायत से दूसरे में राशि ट्रांसफर करने की मांग रखी थी। इसका पालन विधिवत किया जाना था। एक पंचायत को आवंटित राशि वहां के हितग्राहियों की संख्या के आधार पर जारी की गई थी। अगर वहां इसका उपयोग नहीं किया गया तो जांच की जानी थी। लेकिन बिना ग्राम पंचायत की सहमति और जानकारी के 2.10 करोड़ रुपए अन्य 62 पंचायतों में ट्रांसफर कर दिए। बैंक को रकम ट्र्रांसफर करने के लिए दिए आदेश में भी आज्ञामणि पटेल के ही हस्ताक्षर हैं। दो करोड़ रुपए से कोई काम ही नहीं हुए। दरअसल पंचायतों के पास इस राशि को खर्च करने का कोई हिसाब ही नहीं है। अब भांडा फूटा है तो पूर्व जनपद सीईओ बचने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं।

बैंक की भूमिका पर भी प्रश्नचिह्न
जिन योजनाओं में बैंक के जरिए रकम हितग्राही को दी जाती है, उसमें गड़बड़ी होने पर बैंकों की भूमिका भी होती है। इस मामले में भी बिना ग्राम पंचायत के सहमति पत्र के उसके खाते से रकम दूसरे खाते में कैसे ट्रांसफर की गई। सबसे ज्यादा राशि एसबीआई ने ट्रांसफर की है। फिलहाल जांच के आदेश दिए गए हैं।

क्या कहते है अबिनाश
मामले की जांच एसडीएम धरमजयगढ़ करेंगे। जांच टीम में जनपद के कर्मचारी भी रहेंगे। स्थानीय स्तर पर जांच करवाई जाएगी।
अबिनाश मिश्रा, सीईओ, जिला पंचायत