रायगढ़। कस्टम मिलिंग में अब एक और खबर बाहर आ रही है। फोर्टिफाइड राइस के उत्पादक कम होने और डिमांड ज्यादा होने के कारण कीमतों में 30 प्रश तक उछाल आया है। 45 रुपए किलो में मिलने वाला एफआरके राइस 60 रुपए तक पहुंच गया है।












केंद्र सरकार ने पीडीएस के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए फोर्टिफाइड राइसय की मात्रा बढ़ाने का आदेश दिया था। पहले इसे ट्राइबल ब्लॉक के चुनिंदा दुकानों में वितरित कराया गया ताकि लोगों का फीडबैक लिया जा सके। कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर इस एफआरके राइस का उत्पादन अलग तरह के प्लांट में होता है। सरकार के आदेश के मुताबिक एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होने वाले चावल में एक प्रतिशत एफआरके होना चाहिए। मतलब एक क्विंटल चावल में एक किलो एफआरके और 99 किलो सामान्य चावल।





रायगढ़ और सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला मिलाकर करीब 200 राइस मिल हैं। इसी तुलना में दोनों जिलों में तीन ही एफआरके उत्पादक हैं। रायगढ़, खरसिया और सारंगढ़ के तीनों प्लांटों से डिमांड के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इधर चावल जल्दी जमा करने का दबाव मिलरों पर पड़ रहा है तो एफआरके की कीमत में उछाल आ गया है। दो सप्ताह पहले 45 रुपए किलो की दर से बिक रहा एफआरके राइस अब 60 रुपए पर पहुंच चुका है। पूरे प्रदेश में यही हाल है। दूसरे राज्यों से मंगवाने पर वैसे ही कीमत अधिक हो जाती है।
सभी दुकानों में करना है वितरण
अब सभी पीडीएस दुकानों में यही चावल बंटना है। एफसीआई और नान में यही चावल जमा होना है। इसके निर्माण की भी अलग प्रोसेस हैं। रायगढ़ जिले में प्लांट की संख्या बढ़ने पर ही मिलरों को राहत मिलेगी। अभी ऐसी कोई उम्मीद नहीं है।
