रायगढ़। रायगढ़ जिले में 100 करोड़ से ज्यादा की रकम का फर्जीवाड़ा सामने आया है। करीब दर्जन भर पीड़ित लोगों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है। उनका दावा है कि एक फाइनेंस कंपनी में जीवित व्यक्तियों के नाम पर 700 से अधिक लोन निकाले गए और इनमें से सैकड़ो लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के और दूसरों तरीको के जरिए करीब 100 करोड़ के स्कैम को अंजाम दिया गया है। इसमें फाइनेंस कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत का भी दावा किया गया है।
पत्र के मुताबिक रायगढ़ जिले में श्रीराम ट्रांसपोर्ट एवं फाइनेंस कंपनी मे रायगढ़ जिले से 700 से अधिक लोन बांटे गए। पत्र में दावा किया गया है कि इनमें से सैकड़ो व्यक्तियों के सिविल रिकॉर्ड और आयकर खातों की जानकारी के अनुसार यह कर्ज लेने की पूरी शर्त में फिट नही बैठते थे। इसके बावजूद उनके नाम पर लोन जारी किया गया और इसमें सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि इनमें से सैकड़ो लोगों को पता ही नहीं कि उनके नाम से लोन उठाया गया है। लोन उठाने के लिए फर्जी तरीके से इनके आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है। और कितनो के तो डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए गए हैं।





150 लोगो का डेथ सर्टिफिकेट
पत्र में दावा किया गया है कि मामले में इनमें से करीब डेढ़ सौ लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र रायगढ़ के गांवों और नगर पालिक निगम से बनवाया गया। आधार कार्ड, फोटो, राशन कार्ड आदि जरूरत के दस्तावेज को कर्जा लेने के लिये लिया गया। फिर इनमें से 150 से ज्यादा लोगों के फर्जी ढंग से मृत्यु प्रमाण पत्र रायगढ़ जिले के अलग अलग गांव तथा नगर पालिक निगम रायगढ़ से बनवाये गये। इनमे से उदाहरण के तौर पर श्रीमती शोभा बाई फोबिया और पति फुल सिंह फोबिया तथा किशन राय आत्मज नीलकंठ राय दोनों तथा कथित निवासी वार्ड नं. 07 रायगढ़ के ही है और जीवित भी।
फर्जी लोन देना और फिर उसे मेच्युअर प्रकरण मे डाल देना..?
इसके साथ ही इस पत्र में प्रधानमंत्री कार्यालय को बताया गया है कि लगभग 700 मे से अनेक कर्जाधारकों को यह मालुम ही नहीं होगा कि उनके नाम से इस फायनेंस कम्पनी ने कर्जा दिया हुआ है। विगत 10 वर्षों के दस्तावेज को जांच के समय यह भी ध्यान मे रखा जाये कि इस कम्पनी के द्वारा आयकर, जी.एस.टी. और बैंक मे जो नुकसान हुये उसके दस्तावेज दिये होंगे। उसमे करोड़ो रूपये का घोटाले किया गया है। जो इस फायनेंस कम्पनी के अधिकारी एवं कर्मचारियों कि मिली भगत से हुआ है। इस कम्पनी का मुख्यालय मुम्बई है और आयकर इनके द्वारा आयकर विभाग मे प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच से स्वयं ही पता चल जायेगा कि . मिली जुली साजिश का हिस्सा है। जिससे भारत शासन को करोड़ो का नुकसान अवश्य ही पहुंचा होगा।
पीएमओ को लिखा पत्र
प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे शिकायती पत्र में कई प्रमाण संग्लन किए गए हैं। इस मामले में कई कागजी मुर्दे जिंदा होकर सामने आए हैं। आगे और भी आएंगे। देर सबेर इस पर कार्यवाही होना तो तय है। सिर्फ फाइनेंस कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा इतने बड़े स्कैम को अंजाम देना असंभव सा प्रतीत होता है क्योंकि जिस प्रकार से सैकड़ो की तादाद में जिले भर से जीवित व्यक्तियों की मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए हैं, इतना तो तय है कि इसके पीछे एक बड़े पॉलिटिकल अप्रोच वाला सिंडिकेट भी काम कर रहा है। फिलहाल इस पूरे मामले में हमारी इन्वेस्टिगेशन जारी है।
