206 किमी तक लाइन बिछाने चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा काम
रायगढ़। बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक २०६ किमी लंबी चौथी रेल लाइन बिछाने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है। हर सेक्शन में इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम किये जा रहे हैं। बेलपहाड़ से हिमगिर तक १३.३० किमी मिलाकर अब तक चार सेक्शन में ४५ किमी तक चौथी लाइन का काम पूरा कर लिया गया है। काम कंप्लीट होने के बाद लाइन में १३० किमी की रफ्तार से इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाकर ट्रायल भी किया जा रहा है। बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक चौथी लाईन स्वीकृत है। 206 किमी के इस सेक्शन को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जा रहा है। रेलवे की मानें तो दरअसल नई लाइन बिछाना या अन्य मरम्मत कार्यों का पूरा करना बेहद कठिन होता है। खर्च के साथ नियमित ट्रेनें भी प्रभावित होती हैं। यही वजह है कि धीरे- धीरे ही सही पूरी गंभीरता के साथ लाइन तैयार की जा रही है। सभी काम पूरा होने के बाद जब लाइन ट्रेनों के परिचालन लायक हो गई, तब जाकर सीआरएस को निरीक्षण करने के लिए न्योता दिया गया।
जब उनकी ओर से हरी झंडी मिलेगी तब ही ट्रेनें चलाई जाएंगी। बेलपहार-हिमगीर के बीच 13 किमी के सेक्शन के निर्माण के बाद ४५ किमी तक चौथी लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है। इससे पहले चांपा-सारागांव व ब्रजराजनगर से बेलपहाड़ तक का काम पूरा कर लिया गया है। आने वाले दिनों में इस सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन और बेहतर हो जाएगा। हालांकि चौथी रेल लाइन बिछाने का काम काफी पीछे चल रहा है मगर रेलवे इसके पीछे कोरोना संक्रमण काल के साथ ही क्लीयरेंस संबंधी कई मामलों को इसकी मुख्य वजह बता रहा है। हालांकि चौथी रेल लाइन की राह में आ रही लगभग सभी बाधाओं को अब दूर कर लिये जाने की बात कही जा रही है जिसके बाद लाइन बिछाने व विद्युतीकरण के काम में अपेक्षित तेजी देखी जा रही है। आने वाले समय में इसका फायदा इस रूट पर सफर करने वाले यात्रियों को मिलने लगेगा।
ओएचई का ट्रायल अभी बाकी
शुक्रवार को रेलवे के सीआरएस ने बेलपहाड़ से हिमगिर तक 13.30 किलोमीटर नई चौथी रेलवे लाइन पर १३० किमी की स्पीड से इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलवाकर ट्रायल तो ले लिया गया है लेकिन अधिकृत तौर पर ओएचई लाइन का निरीक्षण अभी बाकी है। इसके निरीक्षण की जिम्मेदारी जोनल रेलवे के ओएचई डिपार्टमेंट प्रमुख की है। एक दो दिन में वे इसका बारीकी से निरीक्षण करेंगे। हालांकि स्पीड ट्रायल से ओएचई का भी ट्रायल हो जाता है लेकिन तकनीकी तौर पर कहीं कोई खामी न रह गई हो इसकी जांच इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के अफसर करेंगे।
