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Raigarh News : बच्चों की सांसों में भी घुल रहा फ्लाई एश

दुर्गा फ्लाई एश ब्रिक्स प्लांट परिसर में रह रहे कई परिवार, प्रदूषण चरम पर, नियमों की परवाह नहीं, श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर बेपरवाही

रायगढ़। फ्लाई एश के निराकरण के लिए कई जगहों पर ब्रिक्स प्लांट स्थापित किए गए हैं लेकिन इन ब्रिक्स प्लांट परिसरों में पर्यावरण नियमों के साथ औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। कई परिसर ऐसे हैं जहां गरीब श्रमिक परिवार सहित रह रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी दिन भर उसी ब्रिक्स प्लांट में उड़ती राख के बीच रह रहे हैं। रायगढ़ खरसिया बायपास पर कोसमनारा के पास दुर्गा फ्लाई एश ब्रिक्स प्लांट है। करीब पांच एकड़ जमीन पर यह प्लांट फैला हुआ है। यहां रोजाना हजारों ब्रिक्स और पेवर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। कांसाबेल निवासी का यह ब्रिक्स प्लांट पूरे इलाके में प्रदूषण फैला रहा है। प्लांटों से लाए गए ए का रोड पर ही डाल दिया गया है। पूरा परिसर के वातावरण में एश घुली हुई है। अंदर का नजारा और भी भयावह है। यहां काम करने वाले श्रमिक अपने परिवार समेत वहीं रह रहे हैं। वहां चार-पांच छोटे बच्चे फ्लाई एश के बीच ही खेल रहे थे। गरीब मजदूर अपने बच्चों को उसी डस्ट भरे वातावरण में ही रखने के लिए विवश हैं। बच्चों के फेफड़ों में वही एश डस्ट वाली हवा जा रही है। ब्रिक्स प्लांट के मालिक को इससे कोई सरोकार नहीं है। यहां जितने भी श्रमिक हैं, कोई भी मास्क या सुरक्षा की व्यवस्था नहीं कर रहा था। यहां घुसकर निकलने में ही आदमी डस्ट में पट जाता है। वहां इतने छोटे बच्चों के साथ श्रमिक रहने को मजबूर हैं। न तो पानी का छिड़काव किया जा रहा है, न ही एश का भंडारित करने के लिए ठोस व्यवस्था की गई।

कोई जांच नहीं, कार्रवाई तो दूर की बात
हर कोई फ्लाई एश उत्सर्जित करने वाले पावर प्लांट की बात करता है। कोई भी इन ब्रिक्स प्लांट की ओर नहीं देखता। जिले में 88 प्लांट हैं। यहां भी एश को भंडारित करने से लेकर ब्रिक्स बनाने तक कई नियम हैं। प्लांट परिसर से छोटे बच्चों को दूर रखा जाना चाहिए। दुर्गा फ्लाई एश ब्रिक्स प्लांट में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसकी न तो कोई जांच होती है और न ही कार्रवाई।