किसान एग्रोटेक दुर्ग के संचालक जिग्नेश पटेल का कारनामा, सप्लाई के एक महीने में ही कंडम हुई मशीन
रायगढ़। रायगढ़ जिले में भ्रष्टाचार को मूल स्वभाव में शामिल कर लिया गया है। तभी तो चाइनीज मशीनें खरीदने वाले कर्ता-धर्ता बीज निगम और सप्लाई करने वाले वेंडरों पर कोई उंगली तक नहीं उठ रही है। किसान एग्रोटेक दुर्ग ने पूरे रायगढ़ में अकेले ही 5 करोड़ की मशीनें सप्लाई की हैं। ये मशीनें एक महीने बाद ही कंडम हो गईं।












डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड की राशि को नोचने-खसोटने का काम सरकारी विभागों ने ही किया है। जिले के आला अफसरों ने वेंडर तय कर बिना मांग के मनमाने तरीके से 200 रोटरी टिलर और करीब 200 पल्वेराइजर खरीदने का आदेश दे दिया। कृषि विभाग और उद्यानिकी को यह काम दिया गया ताकि वे बीज निगम को काम दे दें। बीज निगम में वेंडर का पंजीयन करवाया गया। रायगढ़ जिले में कृषि क्राफ्ट के रोटरी टिलर और जेएम इंटरप्राइजेस के पल्वेराइजर की खरीदी की गई। पूरी सप्लाई किसान एग्रोटेक ने की। इसके संचालक जिग्नेश पटेल हैं। उनकी सेटिंग मंत्रालय स्तर तक है। प्रदेश में कई जिलों में यही खेल हुआ है। रोटरी टिलर की कीमत 99960 रुपए प्रति यूनिट और पल्वेराइजर की कीमत 1,03,950 रुपए प्रति यूनिट है। रायगढ़ जिले में ही पांच करोड़ से अधिक की सप्लाई हो गई। महज दो महीने में ये मशीनें खरीदने का आदेश दे दिया गया। बिना क्वालिटी चेक के मशीनों का भुगतान भी कर दिया गया। ये मशीनें स्व सहायता समूह की आय बढ़ाने और गौठानों में काम करने के लिए दी गई थी। डिलीवरी के एक महीने में ही मशीनें खराब हो गईं।





बेहद खराब क्वालिटी की थी मशीनें
इन दोनों मशीनों की खरीदी के लिए बेहद शातिर चाल चली गई। पूर्व डीडीए एलएम भगत को हटाकर संयुक्त कलेक्टर डिगेश पटेल को चार्ज दिया गया था। कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने उनको संबंधित फर्म से खरीदी का आदेश जारी करने को कहा। क्रय आदेश जारी होते ही डिगेश पटेल को हटाकर हरीश राठौर को प्रभारी बना दिया गया। इसके बाद मशीनें डिलीवर की गई और भुगतान भी हो गया। उद्यानिकी विभाग में भी दबाव डालकर उसी वेंडर से मशीनें खरीदवाई गईं। सारी मशीनें खराब क्वालिटी की निकलीं।



