Skip to content
Home | Raigarh News : पहले घोटालेबाज को काम पर रखने कहा फिर जांच रिपोर्ट मांगी

Raigarh News : पहले घोटालेबाज को काम पर रखने कहा फिर जांच रिपोर्ट मांगी

सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार को दबाने सांठगांठ जारी, सरिया समिति में किसानों का खाद नकद बेचकर धान की हुई भरपाई

रायगढ़। सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो चुका है कि अब कोई उम्मीद ही नहीं बची। आदेश करते समय स्वविवेक को साइड में रख दिया जाता है। अजीब बात है कि समिति में गबन करने वाले एक प्रबंधक संयुक्त पंजीयक वापस से उसी समिति में काबिज करने का आदेश देते हैं। दस दिन बाद उसी के विरुद्ध तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन की मांग करते हैं। ऐसा अद्भुत कारनामा तो सहकारिता विभाग में ही हो सकता है। साल दर साल घोटाले में लिप्त लोग ही समिति प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं। इन पर लगाम लगाना तो दूर दफ्तरों में बैठाकर आवभगत की जाने लगी है। ताजा मामला सरिया समिति का है। समिति अध्यक्ष व संचालक मंडल सदस्यों ने समिति के हिसाब-किताब में गड़बड़ी मिलने पर लिखित शिकायत की थी। जांच

टीम ने एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच तीन वित्तीय वर्षों की जांच की। सहायक समिति प्रबंधक गोपाल प्रधान ने की हेराफेरी सामने आई है। जांच की गई तो करीब 68 लाख का गबन सामने आया। तीनों वर्षों में समिति में किसानों से हिस्सा राशि, खाद विक्रय नकद ऋण, नकद बीज , विक्रय धान और नकद बीज विक्रय गेहूं आदि कुल मिलाकर 64,20,940 रुपए जमा ही नहीं किए गए। जांच में गबन प्रमाणित होने के बाद गोपाल प्रधान, सहायक लिपिक केशव सदावर्ती, कंप्यूटर ऑपरेटर तरुण प्रधान आदि से वसूली की अनुशंसा की गई है लेकिन संयुक्त पंजीयक बिलासपुर यूबीएस राठिया ने 3 नवंबर को समिति प्रबंधक पद पर निलंबित गोपाल प्रधान को वापस रखने के लिए आदेश कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि उसी संयुक्त पंजीयक ने 2 दिसंबर को एक आदेश जारी किया है जिसमें गोपाल प्रधान और केशव सदावर्ती के विरुद्ध तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

यह लिखा है आदेश में
संयुक्त पंजीयक यूबीएस राठिया का कमाल देखिए कि जिस प्रबंधक को वापस से समिति में रखने की वकालत उन्होंने की है, एक महीने बाद उसके विरुद्ध जांच प्रतिवेदन मांग रहे हैं। सरिया में वित्तीय अनियमितता, खाद में कमी आदि की जांच करने के लिए सहायक पंजीयक, सहकारिता विस्तार अधिकारी बरमकेला, शाखा प्रबंधक अपेक्स बैंक बरमकेला और अंकेक्षण अधिकारी आरडी घृतलहरे को निर्देशित किया गया है। मजे की बात यह है कि समिति में सहकारिता विभाग और अपेक्स बैंक दो बार जांच कर चुके हैं और दोनों में गबन प्रमाणित हुआ है।