कार्यालय परिसर से गेस्ट हाउस में पंखे से लगाई फांसी, कुर्सी गिरने की आवाज सुन पहुंचे लोग
रायगढ़, 24 जनवरी। “सोमवार को एसईसीएल कार्यालय परिसर एक अनहोनी घटना से दहल गया। परिसर में स्थित गेस्ट हाउस के ठेकेदार ने एक वरिष्ठ अधिकारी की प्रताडऩा से तंग आकर खुदकुशी की कोशिश की। जैसे-तैसे मामला दबाया गया। ठेकेदार ने उस अधिकारी पर बिल पास करने के एवज में रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया था।” साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड का कार्यालय केलो विहार कॉलोनी के दूसरे छोर पर स्थित है। परिसर से लगा हुआ एक बिल्डिंग को गेस्ट हाउस बनाया गया है। इसे तीन साल के लिए ठेके पर दिया जाता है। फिलहाल इसका ठेका विवेक नामक ठेकेदार को दिया गया है।
बाहर से आने वाले अधिकारियों को रुकवाने और गेटटुगेदर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। सोमवार को यहां एक सनसनीखेज घटना हो गई। कुछ अधिकारी गेस्ट हाउस में ही थे। तब विवेक ने एक कमरे में जाकर पंखे से आयरन वायर लगाकर लटक गया। वजन अधिक होने के कारण वह पंखा समेत जमीन पर गिर गया। गिरने की वजह से तेज आवाज आई तो सभी लोग कमरे की ओर दौड़े। जैसे-तैसे विवेक को बचाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक उसका बिल एक साल से लंबित है।
इस वजह से उसकी माली हालत बदतर होती जा रही थी। किसी स्टाफ ऑफिसर सिविल का नाम लेकर उसने कहा कि बिल पास कराने के नाम पर उससे 60 हजार रुपए रिश्वत भी ली गई है। इसके बावजूद बिल पास नहीं किया जा रहा है। आरोपों से एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र दफ्तर में हड़कम्प मच गया है। अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ठेकेदार ने एक वरिष्ठ अधिकारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
दबाया मामला, अधिकारी भी छुट्टी पर
सोमवार करीब चार बजे घटी घटना के कारण एसईसीएल दफ्तर में माहौल खराब हो गया है। जिस अधिकारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है, वह छुट्टी पर हैं। घटना के बाद पुलिस का 112 वाहन भी पहुंचा था लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं की गई। घटना को दबाया गया क्योंकि इससे एसईसीएल की छवि खराब होती। अधिकारी को बचाने के लिए भी ठेकेदार को रिपोर्ट करने से रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि 60 हजार लेने के बाद भी उसका बिल अटका दिया गया है।
अस्थाई गेस्ट हाउस से चल रहा काम
एसईसीएल के गेस्ट हाउस में अभी रेनोवेशन का काम चल रहा है। पुरानी बिल्डिंग को गेस्ट हाउस बनाया गया है। इसे तीन साल के लिए ठेके में दिया जाता है। यहां अधिकारियों के रुकने की स्थिति में मेंटेनेंस, भोजन आदि का पूरा जिम्मा ठेकेदार का ही होता है। फिलहाल ठेका विवेक को मिला हुआ है। लेकिन लंबे समय से बिल पास नहीं होने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई।
