Skip to content
Home | मिक्स्ड इंडीकेटर टेस्ट में भी गड़बड़ी, पुराना चावल ले रहा एफसीआई

मिक्स्ड इंडीकेटर टेस्ट में भी गड़बड़ी, पुराना चावल ले रहा एफसीआई

  • धान नहीं होने के बावजूद चावल जमा कर रहे मिलर, पुराना स्टॉक जमा करने के लिए क्यूसी से सेटिंग

रायगढ़, 2 अक्टूबर। भारतीय खाद्य निगम को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने और पुराने स्टॉक की पहचान करने के लिए सरकार ने मिक्स्ड इंडीकेटर टेस्ट अनिवार्य किया है। एफसीआई रायगढ़ के गोदाम में दो क्वालिटी कंट्रोल अधिकारियों ने इस टेस्ट को भी धोखा दे दिया है। राइस मिलर पुराना चावल ला रहे हैं जिसको पास किया जा रहा है। सेंट्रल पूल में चावल लेने वाली एफसीआई ने केंद्र सरकार की गाईडलाईन का ही उल्लंघन किया है। कई मामले ऐसे आए जिसमें मिलरों ने पुराना चावल जमा कर दिया। यह चावल ज्यादा दिनों तक गोदाम में रखा गया तो खराब हो गया। इससे बहुत नुकसान हुआ। इसलिए जमा चावल चावल की गुणवत्ता और उम्र का पता लगाने के लिए मिक्स्ड इंडीकेटर टेस्ट लागू किया गया था।

एफसीआई के गोदामों में इसे अनिवार्य किया गया है, लेकिन एफसीआई रायगढ़ में मिक्स्ड इंडीकेटर टेस्ट में फेल होने वाले चावल के लॉट को भी पास किया जा रहा है। चावल को केमिकल में डालकर चेक किया जाता है। ग्रीन या एवोकाडो कलर आने पर ही चावल को लेने का प्रावधान है। जबकि यलो, ऑरेंज या कोई दूसरा कलर आने पर रिजेक्ट किया जाना है। एफसीआई में केतन और मुकेश नामक दो अधिकारियों की शह पर पुराना चावल लिया जा रहा है। अभी किसी मिलर के पास नया धान नहीं है। पुराना धान भी स्टॉक में नहीं है, लेकिन मिलर लगातार लॉट जमा कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में एक राइस मिलर ने करीब दो दर्जन लॉट जमा किए हैं। उसके पास इतने महीनों में धान नहीं था लेकिन अचानक से इतना चावल कहां से लाया जा रहा है।

जल्दी खराब होता है चावल

एफ सीआई में जमा चावल देश के दूसरे हिस्से में जरूरत के हिसाब से भेजा जाता है। पुराना चावल जब गोदामों में कई दिनों तक भंडारित होता है तो वह खराब होने लगता है। कई राज्यों ने चावल के खराब होने की शिकायत की। इसलिए चावल की उम्र का पता लगाकर ही जमा लिया जाना है, लेकिन एफसीआई रायगढ़ में मिक्स्ड इंडीकेटर टेस्ट को ही बदल दिया गया है।