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Home | किसानों ने कहा – ‛नहर में पानी आने की प्रशासन दे लिखित में गारंटी’ त्रिपक्षीय वार्ता से असंतुष्ट कृषकों ने ग्राम सभा किया, नेतनागर में आज फिर होगा आंदोलन

किसानों ने कहा – ‛नहर में पानी आने की प्रशासन दे लिखित में गारंटी’ त्रिपक्षीय वार्ता से असंतुष्ट कृषकों ने ग्राम सभा किया, नेतनागर में आज फिर होगा आंदोलन

रायगढ़, 13 मार्च। केलो परियोजना के नहर निर्माण कार्य को लेकर हुई त्रिपक्षीय वार्ता से असंतुष्ट किसानों ने नेतनागर में सोमवार को ग्राम सभा आयोजित कर अपनी भड़ास निकाली। काफी तर्क-वितर्क के बाद धरतीपुत्रों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि प्रशासन यदि लिखित में गारंटी दे कि नहर में केलो डैम का पानी आएगा तो वे तैयार है। वहीं, मंगलवार सुबह से नेतनागर के ग्रामीणों ने आंदोलन का ऐलान किया है। प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी नेतनागर में नहर निर्माण कार्य विवादों से बाहर नहीं निकल पा रहा है। बीते कुछ रोज से जिस तरह नेतनागर में मुखालफत चल रही है, इसको सुलझाने के लिए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने विधायक प्रकाश नायक और किसानों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता भी रखी, मगर सहमति नहीं बन सकी।

ऐसे में असंतुष्ट किसानों ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत के सीईओ को आवेदन देते हुए ग्राम सभा आयोजित करने की विधिवत अनुमति मांगी। जब कही से भी मंजूरी नहीं मिली, फिर भी नेतनागर में सोमवार शाम 4 बजे ग्राम सभा का आयोजन किया गया। नेतनागर के खुले स्थान में हुई ग्राम सभा में महिलाएं भी शामिल हुईं। भाजपा से विलिस गुप्ता, सुरेंद्र पांडेय, विकास केडिया के अलावे जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा से जयंत बहिदार, राधेश्याम शर्मा और जोगी कांग्रेस नेता आशीष उपाध्याय ने नेतनागर जाकर ग्राम सभा में किसानों का समर्थन करते हुए हर हाल में साथ देने का आश्वासन भी दिया। ग्राम सभा मे तकरीबन 2 घंटे तक सिर्फ केलो परियोजना के नहर निर्माण कार्य को लेकर ही चर्चा हुई। काफी आरोप-प्रत्यारोप के बाद किसानों ने प्रस्ताव पारित किया कि वर्तमान हालात में नहर की उपयोगिता नहीं, इसलिए इसका निर्माण होने देंगे।

किसान नेता लल्लू सिंह ने कहा कि ”महानदी के डूबान क्षेत्र में आने वाले गांव में नहर निर्माण का कोई लाभ नहीं है, इसलिए ग्रामीण अपनी जमीन नहीं देंगे।” इस दौरान भाजपा नेता विलिस गुप्ता ने तकनीकी जानकारी देते हुए ग्राम सभा मे बताया कि ”डीपीआर के मुताबिक डैम की ऊंचाई पहले 21 मीटर थी, मगर अब उसे 6 मीटर कम कर दिया गया है यानी मौजूदा दौर में हाईट सिर्फ 15 मीटर रह गई है। अगर ऊंचाई 21 मीटर रहती तो नहर में पानी पहुंचता, लेकिन अब नेतनागर ऊपर और डैम नीचे हो गया है। साथ ही मेन नहीं, बल्कि माईनर केनाल में विपरीत दिशा में पानी नहीं जाता। वहीं, नेतनागर के 200 मीटर आगे एनटीपीसी रेलवे लाईन के नीचे से नहर ले जाने की स्वीकृति केंद्र सरकार से नहीं मिलेगी। आरओबी में 30 फीट का कांक्रीट है तो नीचे नहर कैसे जाएगी।” विलिस की बातों का ग्रामीणों ने भी समर्थन किया। 

ग्राम सभा में सेवानिवृत्त जनपद सीईओ सागरचन्द गुप्ता, अमृत सिंह जटाल, महावीर प्रधान, सतवीर सिंह सहित नेतनागर और आसपास के कई किसानों ने अपनी बातें रखते हुए नहर निर्माण का विरोध किया। अंत में किसानों ने यह निर्णय लिया कि प्रशासन अगर जनहित का ख्याल नहीं रखेगी तो मंगलवार सुबह 9 बजे से नेतनागर में महिला और पुरुष सडक़ पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

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