रायगढ़, 29 अगस्त। पेटदर्द से पीड़ित एक नाबालिग छात्रा को झोलाछाप डॉक्टर ने दवाई देते हुए ऐसे इंजेक्शन लगाया कि घर जाते ही उसकी जान निकल गई। परिजनों ने गलत इलाज का आरोप लगाते हुए पुलिस से न्याय की फरियाद भी की है। यह दुखद प्रसंग सारंगढ़ क्षेत्र का है। सूत्रों के मुताबिक सारंगढ़ मुख्यालय से तकरीबन 13 किलोमीटर दूर ग्राम भेड़वन में रहने वाली 14 वर्षीया कु. गुड्डी कक्षा आठवीं में पढ़ती थी। बीते सप्ताह बालिका के पेट में दर्द हुआ। उदरपीडा जब असहनीय हुई तो परिजन उसे गांव के झोलाछाप डॉक्टर के पास लेकर गए।
खुद को देवदूत समझने वाले तथाकथित चिकित्सक ने नाबालिग बाला को दो इंजेक्शन लगाने के बाद टेबलेट देते हुए घर जाकर आराम करने की सलाह दी। झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक से घर पहुंची किशोरी दवाई लेने के बाद बिस्तर में लेट गई। कुछ समय के बाद परिजनों ने नींद में गाफिल गुड्डी को उठाया तो पता चला कि उसके प्राण पखेरू उड़ चुके थे।





पहले पहल तो परिजनों को कुछ समझ नहीं आया मगर जब किशोरी की बहन ने झोलाछाप डॉक्टर द्वारा दो इंजेक्शन लगाने की बात बताई तो वे भडक़ गए और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने थाने जाकर झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई। बहरहाल, नाबालिग छात्रा की असमय मौत गलत इलाज से हुई या वजह कुछ और है, इसकी असलियत जानने के लिए सारंगढ़ पुलिस मृतिका के परिजनों और आरोपी तथाकथित चिकित्सक का बयान लेते हुए जांच पड़ताल में जुटी है।
