रायगढ़, 22 फरवरी। राजस्व विभाग की आंखों में धूल झोंककर भू-माफियाओं ने सांगीतराई की 20 एकड़ जमीन स्टाम्प पर बेच दी है। जब सीमांकन टीम जांच करने पहुंच रही है तो सहयोग नहीं किया जा रहा है। बुधवार को मौके पर पहुंची टीम को बैरंग लौटना पड़ा क्योंकि अतिक्रमणकारी गेट पर ताला लगाकर गायब हो गए। सभी के अवैध कब्जों की नापजोख होनी है। प्रशासन ने बीते तीन सालों में सरकारी जमीनें बेचने पर ही पूरा ध्यान दिया। जहां सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हो रहे थे, वहां आंखें मूंद ली गईं। अब एक-एक करके ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
सांगीतराई की 20 एकड़ जमीन को भी अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कोशिश हो रही है लेकिन सहयोग नहीं मिल रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर के पास सांगीतराई में 20 एकड़ सरकारी जमीन का सीमांकन करने बुधवार को टीम पहुंची थी। बेजा कब्जाधारकों ने गेट पर ताला लगा दिया जिससे टीम अंदर नापजोख ही नहीं कर सकी। मूल खसरा नंबर 320 के खनं 320/1 रकबा 3.93 हे., खनं 320/3 रकबा 3.33 हे. और खनं 320/14 रकबा 0.28 हे. सरकारी जमीन पर 41 लोगों को बसाया गया है। इनके पास जमीनों के दस्तावेज के नाम पर केवल स्टाम्प हैं। किसी तेजराम और तीन अन्य लोगों ने नोटरी करके जमीनें बेच दी हैं। बुधवार को जांच टीम मौके पर नापजोख ही नहीं कर सकी। कब्जेदारों के पास भू-माफियाओं की पूरी जानकारी है। हर एक को अलग-अलग व्यक्ति ने जमीनें बेची हैं। इस मामले में सांगीतराई सरपंच की भूमिका भी संदेहास्पद है।
रोड को कब्जाया तो तिलमिलाए अतिक्रमणकारी
बताया जा रहा है कि यहां पर कई सेठों ने भी जमीनें कब्जाई हैं। जिनकी जमीनें इस सरकारी जमीन से लगकर हैं, उन्होंने बाउंड्रीवॉल को बड़ा करके सरकारी जमीन भी हथिया ली है। बताया जा रहा है कि सौरभ अग्रवाल नामक व्यक्ति ने जब एकमात्र रास्ते को भी कब्जा किया तो लोग तिलमिला गए। उन्होंने भी कलेक्टर से इसकी शिकायत की है। जब जांच करने टीम पहुंची तो सब गायब हो गए। जो लोग मौजूद थे वे अनजान बने रहे। अब फिर से सभी को नोटिस दिया जाएगा।
