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Home | शहीद नंदकुमार पटेल के वात्सल्य जैसे अग्रज राधाचरण पटेल बड़े भैया

शहीद नंदकुमार पटेल के वात्सल्य जैसे अग्रज राधाचरण पटेल बड़े भैया

राधाचरण पटेल और शहीद नंदकुमार पटेल के बीच उम्र का एक बड़ा फासला था। उनके लिए नंदकुमार अनुज नहीं पुत्र तुल्य ही थे। बड़े गौटिया के निधन के बाद भाई के साथ पिता का स्नेह भी समवेत होकर अनुज नंदकुमार के सिर माथे सजा रहा। शहीद नंदकुमार पटेल की हर उपलब्धि उन्हें सहज रूप से गर्वित करती। हमारे नंदेली पहुंचने की सूचना पर वे स्वयं इस पर पहुंच गये और फि र शुरू हुआ बातों का सिलसिला। शुरूआती प्रश्न था कि नंदकुमार के व्यक्तित्व में ऐसी क्या बात थी जो उन्हें सर्वप्रिय एवं सर्वस्वीकृत युवा के रूप में प्रतिष्ठित करती रही?

राधाचरण का जवाब था, वे हमेशा मुस्कुराते रहते। कभी गुस्सा नहीं करते। नंदकुमार को खेती किसानी को नयी विधियों और उपकरणों के साथ जोडक़र अधिकतम फ सल प्राप्त करने में सफलता मिली थी। खासकर सिंचाई के प्रति उनका विशेष ध्यान था। उन दिनों मांड नदी से मोटर पम्प द्वारा सिंचाई की शुरूआत कर उन्होंने सबका ध्यान आकृष्ट किया था। वे सबसे मिलते। उनकी समस्याओं को सुनते और उसका प्रभावी निराकरण करते। गांव के लोग नंदकुमार की बात मानते थे। उन्हें लगता था कि नंदकुमार से जुडक़र अपना और अपने गांव का भला कर सकते हैं।

राधाचरण बताते हैं कि हमारे पिता कीर्तिशेष महेन्द्र सिंह पटेल, नंदेली सहित कई गांव में ग्राम्य विकास के प्रति समर्पित पहले व्यक्ति थे। छोटे भाई नंदकुमार ने मेहनत, संकल्प और निरंतर कोशिशों से गांवों की विकास-गति को तीव्रता प्रदान की। इसी कारण से वे सरपंची से शुरू कर प्रदेश के गृहमंत्री के पद तक पहुंचे। वे हमारे परिवार या नंदेली के ही गौरव नहीं थे बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के गौरव थे। मैं अपने अनुज के पुण्य आत्मा को नमन करता हूं।

प्रो. अम्बिका वर्मा