सक्ती। स्थानीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत दिल्ली पहुंच छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त कांग्रेस प्रभारी और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव कुमारी शैलजा से औपचारिक मुलाकात किए। प्रदेश प्रभारी और विस अध्यक्ष की औपचारिक मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो पीएल पुनिया की छत्तीसगढ़ से छुट्टी को अब राजनीतिक रंग के रूप में देखा जा रहा है। माना जाता है कि डॉ. महंत और भूपेश बघेल के रिश्तों में खटास है। वहीं डॉ. महंत छत्तीसगढ़ में एक बड़ा चेहरा हैं, बावजूद इसके उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाकर विस अध्यक्ष बना साइड लाइन लगा दिया गया।












बता दें कि जब मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग नहीं हुआ था तब डॉ. महंत मध्यप्रदेश के गृहमंत्री रहे और भूपेश बघेल राज्य मंत्री थे. भूपेश कद में डॉ. महंत से छोटे थे, परंतु छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में आई तो भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का मुखिया बना दिया गया। वहीं नेता प्रतिपक्ष रहे और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को भी किनारे लगा दिया गया. इसके बाद से ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दो फाड़ साफ दिखाई देते हैं, वहीं डॉ. महंत का सक्ती से विधानसभा चुनाव लडऩा भी यही बात को दर्शाता है कि उन्हें भी कांग्रेस की सरकार आने से मुख्यमंत्री का चेहरे के रूप में देखा जा रहा था लेकिन कांग्रेस के तत्कालीन प्रभारी पीएल पुनिया के कारण टीएस और डॉ. महंत के मंसूबे धराशायी हो गए।





अब प्रभारी बदलते ही पहले श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत और फिर डॉ. चरणदास महंत की नए छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी से मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। वैसे कांग्रेस सूत्रों की मानें तो जल्द ही छत्तीसगढ़ में संगठन और सत्ता में बड़ा बदलाव होने की सुगबुगाहट चल रही है और ऐसे में डॉ. महंत का अचानक दिल्ली जाना भी इसी बदलाव की सुगबुगाहट की ओर इशारा भी कर रहा है।



