रायगढ़, 11 जनवरी। जनपद पंचायतों में पहले ही तबादलों के कारण कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता चल रही है। अब मनरेगा कार्यक्रम अधिकारियों की पदस्थापना में भी ऐसा ही कारनामा किया जा रहा है। घरघोड़ा में मनरेगा का कोई कार्यक्रम अधिकारी नहीं है, जबकि पुसौर में दो पीओ हो गए हैं। धरमजयगढ़ और घरघोड़ा में तो उन अधिकारियों को सीईओ की कुर्सी नहीं मिल पाई जिन्हें सरकार ने भेजा था।












भले ही राज्य सरकार हर साल तबादला नीति लागू करती है, लेकिन रायगढ़ की अपनी अलग ट्रांसफर नीति है। यहां जो अधिकारी एक बार आता है, उसे दूसरे जिले में भेजना नामुमकिन जैसा है। रायगढ़ की तासीर ही ऐसी है कि अफसर अपनी कुर्र्सी छोड़ नहीं पाते। सरकार अगर तबादला कर भी दे तो वे कुर्सी से चिपके रहने के कई रास्ते खोज लेते हैं। धरमजयगढ़ में जनपद सीईओ कुशवाहा पदस्थ हैं जबकि आदिम जाति कल्याण विभाग ने साहू को सीईओ बनाकर भेजा था।





घरघोड़ा में नितेश उपाध्याय स्टे लेकर बैठे हैं जबकि सरकार के भेजे हुए एसके टंडन खाली बैठे हैं। अब मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी को लेकर भी ऐसी ही उलझन हो गई है। घरघोड़ा में पीओ के रूप में पदस्थ आशीष भारती को पारिवारिक कारणों से जिला पंचायत अटैच किया गया था। उनके स्थान पर पीएमएवाय के कर्मचारी को पीओ का प्रभार दिया गया है। अब आशीष भारती को पुसौर पदस्थ कर दिया गया और पुसौर की पीओ वर्षा को जिला पंचायत अटैच किया जा रहा है। पुसौर में दो पीओ हो गए हैं और घरघोड़ा खाली है।



